नयी दिल्ली : शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर आए पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को ममता बनर्जी ने मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्थ चटर्जी के खिलाफ ममता बनर्जी का यह एक्शन कैबिनेट की बैठक के ठीक बाद लिया गया है।
आपको बता दें कि पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से ईडी की छापेमारी में अब तक 55 करोड़ से ज्यादा रकम मिल चुके हैं। इसके अलावा 5 किलो तक का सोना भी बरामद किया गया है।
भाजपा पार्थ चटर्जी को लेकर जबरदस्त तरीके से ममता बनर्जी के खिलाफ आक्रमक थी। यही कारण रहा कि ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया है।
पार्थ चटर्जी अभी पार्टी के महासचिव भी हैं। इस पद से भी उन्हें जल्द ही मुक्त किया जा सकता है। पार्थ चटर्जी को लेकर ममता बनर्जी की सरकार फिलहाल बैकफुट पर हैं।
तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव एवं प्रवक्ता कुणाल घोष ने मांग की कि एसएससी घोटाले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को पद से तुरंत हटाया जाना चाहिए और पार्टी से भी तत्काल निष्कासित किया जाना चाहिए। सरकारी स्कूलों और सहायता प्राप्त स्कूलों में हुए कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के वक्त पार्थ चटर्जी के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था। बाद में उनसे यह विभाग ले लिया गया था।