कानपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समाजवादी विचारधारा के वरिष्ठ नेता चौधरी हरमोहन सिंह की 10वीं पुण्यतिथि के अवसर पर कानपुर के मेहरवान पुरवा में आयोजित समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि विचारधारा पर आधारित विरोध की सीमाओं का सम्मान करना सभी राजनीतिक दलों का दायित्व है।
उन्होंने कहा, ये हर एक राजनैतिक पार्टी का दायित्व है कि दल का विरोध या व्यक्ति का विरोध, देश के विरोध में न बदले। विचारधाराओं का अपना स्थान है, और होना चाहिए। राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं, तो हो सकती हैं। लेकिन, देश सबसे पहले है, समाज सबसे पहले है। राष्ट्र प्रथम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपातकाल के दौरान जब देश के लोकतन्त्र को कुचला गया तो सभी प्रमुख पार्टियों ने एक साथ आकर संविधान को बचाने के लिए लड़ाई भी लड़ी। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में चौधरी हरमोहन सिंह यादव भी संघर्ष के एक जुझारू सैनिक थे।
यह इस बात का प्रतीक है कि आजाद भारत में देश और समाज के हित सदैव सियासी दलों की विचारधाराओं से बड़े रहे। मोदी ने राजनीतिक महत्वाकांक्षा और दलगत राजनीति से देश हित प्रभावित होने की प्रवृत्ति बढ़ने पर चिंता व्यक्त भी की।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हाल के समय में विचारधारा या राजनीतिक स्वार्थों को समाज और देश के हित से भी ऊपर रखने का चलन शुरू हुआ है। कई बार तो सरकार के कामों में विपक्ष के कुछ दल इसलिए अड़ंगे लगाते हैं क्योंकि जब वो सत्ता में थे तो अपने लिए फैसले वो लागू नहीं कर पाए।
प्रधानमंत्री ने दलील दी कि राजनीतिक दलों का अस्तित्व लोकतन्त्र की वजह से है और लोकतन्त्र का अस्तित्व देश की वजह से है। उन्होंने कहा, हमारे देश में अधिकांश पार्टियों ने, विशेष रूप से सभी गैर-कांग्रेसी दलों ने इस विचार को, देश के लिए सहयोग और समन्वय के आदर्श को निभाया भी है।
इसके लिये उन्होंने चौ. हरमोहन सिंह की नजीर पेश करते हुए कहा कि हरमोहन सिंह जी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में न केवल सिख संहार के खिलाफ राजनैतिक स्टैंड लिया, बल्कि सिख भाई-बहनों की रक्षा के लिए वो सामने आकर लड़े। अपनी जान पर खेलकर उन्होंने कितने ही सिख परिवारों की, मासूमों की जान बचाई।
देश ने भी उनके इस नेतृत्व को पहचाना और उन्हें शौर्य चक्र दिया गया। गौरतलब है कि कानपुर जिले में ग्राम सभा के प्रधान पद का चुनाव जीतकर अपना राजनीतिक सफर शुरु करने वाले चौ. हरमोहन सिंह समाजवादी आंदोलन के प्रखर नेता के रूप में उभरे और संसद के उच्च सदन राज्य सभा तक के सदस्य रहे।
उनके योगदान को याद करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘लोहिया जी के विचारों को उत्तर प्रदेश और कानपुर की धरती से हरमोहन सिंह यादव जी ने अपने लंबे राजनैतिक जीवन में आगे बढ़ाया।