न्यायालय ने प्लास्टिक पुनर्चक्रण मामले में पीसीबी से मांगा जवाब

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार के बहादराबाद में आवासीय कालोनी से सटे दो प्लास्टिक पुनर्चक्रण इकाइयों (रिसाइकिंलिंग यूनिट) के मामले को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) से शपथपत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अगुवाई वाली पीठ ने हरिद्वार निवासी संदीप कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद ये निर्देश जारी किये। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि हरिद्वार के बहादराबाद में मैसर्स रघुवेन्द्र प्लास्टिक व मैसर्स एस एंड एस ग्लोबल नामक प्लास्टिक रिसाइकिंिलग यूनिट अवैध रूप से संचालित हो रही हैं।

ये आवासीय क्षेत्र से मात्र 50 से 100 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। इनसे वायु व ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न हो रहा है। इससे लोगों के जीवन पर विपरीत असर पड़ रहा है। पीसीबी की ओर से पिछले साल एक अगस्त को इन इकाइयों को बंद करने के निर्देश दिये गये लेकिन इसके बावजूद ये इकाइयां विधिवत संचालित हैं।

इसके ठीक बाद अदालत ने पीसीबी के अधिवक्ता से सवाल दागे। पीसीबी के अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह की ओर से इस बात की पुष्टि की गयी कि ये इकाइयां आवासीय कालोनी के नजदीक हैं। इकाइयों को बंद करने का फरमान जारी किया गया था लेकिन प्रदूषण स्तर में सुधार की शर्त पर पिछले साल दिसंबर में इस आदेश को स्थगित कर दिया गया। सरकार की ओर से भी यही बात दोहरायी गयी।

 

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