देहरादून। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-विेवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के हवालबाग फार्म में यूएन एनवायरनमेंट-जीईएफ परियोजना कृषि जैव-विविधता के संरक्षण एवं उपयोग द्वारा कृषि क्षेत्र की मुख्य धारा में लाना, बदलती जलवायु से बचाना एवं पारिस्थितिकी सेवाऐं सुनिश्चित करना के अंतर्गत कृषि जैव विविधता के संरक्षण पर जागरूकता कार्यक्रम 16 जुलाई, हवालबाग (अल्मोड़ा) क® आयोजित किया गया।
जिसमें केंद्रीय विद्यालय के कक्षा 10 एवं 12 के 51 विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग गया किया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम डॉ अनुराधा भारतीय द्वारा जीन बैंक भ्रमण तथा डॉ कुशाग्रा जोशी द्वारा संग्रहालय भ्रमण कराया गया, जिसमें संस्थान द्वारा पर्वतीय कृषि पर किए गये उत्कृष्ट कार्यों एवं योगदान के विषय में जानकारी दी गई।
डॉ अनुराधा भारतीय द्वारा कृषि जैव विविधता संरक्षण एवं उपयोगिता विषय पर एक व्याख्यान दिया गया जो इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि कैसे युवा पीढ़ी कृषि जैव विविधता के महत्व को समझे साथ ही कृषि जैव विविधता को कृषि एवं खाद्य प्रणालियों में शामिल करने की प्राचीन परंपरा को जीवित रखे एवं भविष्य में स्थायी कृषि और खाद्य सुरक्षा में अपना योगदान दे सकें।
इस अवसर पर कृषि जैव विविधता से सम्बंधित विषयों पर एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता आयोजित की गयी, जिसमें छात्रों ने बढ-चढ़कर भाग लिया जिसमें मान्या अग्रवाल प्रथम, आदित्य तिवारी ने द्वितीय, पियूष बिष्ट ने तृतीय तथा धीरज कपिल ने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया।
विद्यार्थियों को निदेशक, विवेकानन्द संस्थान द्वारा प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार वितरित किया गया। इस उपलक्ष्य में विवेकानन्द संस्थान के डॉ जे के बिष्ट, विभागाध्यक्ष, फसल उत्पादन विभाग ने कृषि जैव विविधता संरक्षण की महत्ता एवं इसके दैनिक प्रयोगों पर विचार व्यक्त किए गए। जागरूकता कार्यक्रम में डॉ एन के हेडाऊ एवं डॉ बी एम् पाण्डेय भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ कुशाग्रा जोशी द्वारा किया गया।
संस्थान में हरेला के अवसर पर वृक्षारोपण
भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र हवालबाग में हरेला उत्सव के अवसर पर प्रभारी निदेशक डा. जे के बिष्ट के नेतृत्व में प्रक्षेत्र के अट्टाधार क्षेत्र में बहुपयोगी वृक्षों यथा भीमल, कचनार एवं बाँज के पौधों का रोपण किया गया।
इस कार्यक्रम में संस्थान के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, अनुभागाध्यक्ष, प्रक्षेत्र समन्वयक, वैज्ञानिक, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।