अपराध रोकने में असफल गृह मंत्री, दें इस्तीफा : विक्रांत भूरिया

मप्र कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया एवं मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा की प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की चीज नहीं बची है, जंगलराज के हालात है और उसी का परिणाम है कि दबंगो द्वारा गुना में आदिवासी महिला को खेत में जिंदा जला दिया गया।

श्री भूरिया ने कहा कि आदिवासी परिवार की साढ़े 6 बीघा जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर रखा था, जब उनके खेत पर आरोपी जुताई कर रहे थे, महिला वहां पहुंची तो आरोपियों द्वारा उसको डीजल डालकर आग लगा दी गई।

महिला मदद के लिए गुहार लगाती रही पर बेखौफ अपराधी महिला का वीडियो बनाते रहे, जबकि बीते 23 जून को परिवार द्वारा पुलिस सुरक्षा की मांग की गई थी, परंतु पुलिस द्वारा आदिवासी परिवार को सुरक्षा नहीं दी गई, जिससे दबंगों के हौसले बुलंद हो गये और वे अपराध करने को अंजाम देने में कामयाब हो गये।

उन्होंने कहा कि आदिवासी परिवार के पास जो जमीन थी उस जमीन का पट्टा कांग्रेस सरकार द्वारा दिया गया था जो दबंगों की आंखों में किरकिरी बना हुआ था। आदिवासियों को जमीनों के पट्टे देकर उन्हें जमीनों के जो अधिकार कांग्रेस सरकार में दिये गये थे, भाजपा सरकार के संरक्षण में फल-फूल रहे दबंगों द्वारा आदिवासियों से ज़मीने छीनी जा रही है, यदि वे जमीन हड़पने में कामयाब नहीं होते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है, यहां तक की इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।

श्री भूरिया ने कहा कि मप्र में भाजपा-आरएसएस के लोग ही आदिवासियों पर लगातार अत्याचार कर रहे हैं। सिवनी जिले में हुई घटना से यह प्रमाणित हो गया था। चाहे नेमावर का जघन्य हत्याकांड हो, नीमच में बर्बरतापूर्वक पिटाई कांड हो या खंडवा, खरगोन, गुना और सिवनी में हुआ हत्याकांड हो सभी मामलों से स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश में आदिवासियों को सुरक्षा देने में भाजपा सरकार पूरी तरह विफल रही है।

श्री भूरिया ने कहा कि अपराधों के बाद वाहवाही लूटने के लिए बुलडोजर चलाने की नौटंकी करने वाली भाजपा सरकार यह क्यों नहीं बताती हैं कि अगर बुलडोजर से ही अपराध रुकते तो नित नए अपराध क्यों हो रहे हैं और अब गुना में आदिवासी महिला पर मानवता को तार-तार करने वाला अपराध क्यों हुआ? श्री भूरिया ने कहा कि भाजपा की आदिवासी विरोधी नीति का ही परिणाम है कि मध्य प्रदेश आदिवासियों पर अत्याचार के मामले में देश में प्रथम पायदान पर है। भाजपा आदिवासियों को बांटने की राजनीति कर रही है।
श्री भूरिया ने कहा कि देश में सर्वाधिक आदिवासी मध्यप्रदेश में रहते हैं। अगर आदिवासी अधिकार के नाम पर राष्ट्रपति का पद देना था तो मध्यप्रदेश के किसी आदिवासी को दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आबादी के हिसाब से आदिवासी वर्ग में भील जनसंख्या 1.70 करोड़, गोंड जनसंख्या 1.3 करोड़ है भाजपा द्वारा उनकी उपेक्षा की गई।

श्री भूरिया ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए जिस संथाल वर्ग की महिला को उम्मीदवार बनाया गया है, उस वर्ग की आबादी पूरे देश में केवल 74 लाख है। जो अपने गांव तक में बिजली नहीं पहुंचा पायीं, ऐसी उम्मीदवार आदिवासी समाज का कितना भला कर पाएंगी, यह गंभीर चिंतनीय है।

श्री भूरिया ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि गुना में पीड़ित आदिवासी परिवार को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए, पीड़ित महिला के इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए, आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि कानून-व्यवस्था का पालन करवाने में असफल प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा अपने पद से तत्काल इस्तीफा दें।

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