बागेश्वर । किसानों की किसानी को प्रोत्साहन देने की बात कही जाती है तथा युवाओं से भी खेती में स्किल डेवलपमेंट की सीख दी जा रही है परंतु किसान जंगली जानवरों से परेशान है। सुअरों द्वारा गडेरी व पिनालू की फसल को नुकसान पहुंचाया गया है।
विकास खंड के धारी, डोबा, सात, रतबे, स्यूनी, जौलकांडे आदि गांवों को खेती के लिए कभी प्रसिद्धि प्राप्ति थी। परंतु बंदरों का आतंक बढ़ा तो इन गांवों में शाक भाजी का उत्पादन समाप्त सा हो गया।
किसानों ने शाक भाजी का उत्पादन करने के बजाय खेतों को बंजर रखना प्रारंभ कर दिया है साथ ही जिसने खेती की भी तो बंदर उनकी फसल को नष्ट कर जा रहे हैं। कुछ किसानों ने बंदरों के नुकसान न पहुंचाने वाले उत्पाद हल्दी, अदरक व गडेरी तथा पिनालू की खेती करना प्रारंभ किया परंतु इन पर अब सुअरों का आतंक बना हुआ है।
विभिन्न गांवों के ग्रामीण दान सिंह टंगणियां, रमेश लोहुमी, सुंदर सिंह, मनोज पांडे, हरीश चंद्र, देवकी नंदन, नंदा बल्लभ आदि ने बताया कि गांवों में इन दिनों सुअरों का आतंक बना हुआ है।
वे दिन में बंदरों से खेती की रक्षा करते हैं परंतु रात को जंगली सुअरों के झुंड उनके द्वारा उगाई अदरक, गडेरी व पिनालू की फसल को नष्ट कर दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों सुअरों द्वारा गडेरी व अदरक की फसल को नष्ट कर दिया गया है। वन विभाग व सरकार से जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।