लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में एमएसएमई लोन मेला के दौरान रोजगारपरक योजनाओं के 1.90 लाख लाभार्थियों को 16 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया। यह ऋण वितरण कार्यक्रम प्रदेश के सभी जिलों में भी आयोजित किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 की 2.95 लाख रुपये की वार्षिक ऋण योजना का भी शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले यह क्षेत्र उपेक्षित था। राज्य में भाजपा सरकार बनी तो इस पर काम शुरू किया गया। यह हमारे लिए बड़ी चुनौती थी। प्रदेश कृषि से इतर कोई रोजगार के साधन नहीं थे। उसमें भी 200 विकास खंड डार्क जोन घोषित कर दिया गया था। केंद्र के सहयोग और पैसे की कमी नहीं थी। हमारी सरकार आई तो कृषि क्षेत्र को ही आगे नहीं बढ़ाया बल्कि परंपरागत योजना को आगे बढ़ाने के लिए 2018 में ओडीओपी योजना शुरू की गई। इस योजना के बलबूते 88 हजार करोड़ से बढ़कर एक लाख 55 हजार करोड़ का निर्यात हम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में कहा जाता था कि यहां ज्यादा लोगों को लोन दिया जाना चाहिए। किसे ऋण देना है, यह किसी को पता नहीं था। आज उन परम्परागत उद्योगों से जुड़े लोगों के चेहरे पर चमक है। इन योजनाओं ने नौकरी देने वाला नौजवान दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हमें नौकरी खोजने वाला भटकता हुआ नौजवान चाहिए या नौकरी देने वाला नौजवान।
जिन परिवारों को सरकारी नौकरी नहीं मिली है, सरकार उन्हें रोजगार से जोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक पारिवारिक कार्ड जारी किया जाएगा। ऐसे परिवारों की मैपिंग की जाएगी जिन्हें नौकरी नहीं मिली है। उन परिवारों को नौकरी या रोजगार से जोड़ा जाएगा। मतलब हर परिवार को रोजगार से जोड़ा जाएगा। इस मेले में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, ओडीओपी वित्त पोषण योजना के लाभार्थी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इस कार्यक्रम के दौरान ओडीओपी के पांच कॉमन फैसिलिटी सेंटर का उद्घाटन किया। इनमें आगरा, अम्बेडकरनगर, सीतापुर, आजमगढ़ और सिद्धार्थनगर ओडीओपी के पांच सुविधा केंद्रों का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने सभी सुविधा केंद्रों के संचालकों से वर्चुअल माध्यम से संवाद किया। सबको शुभकामनाएं दीं और सरकार की तरफ से हर सुविधा मुहैया कराने का आश्वासन दिया।