देहरादून। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा द्वारा पर्वतीय कृषि पर लघु पाठ्यक्रम विषय पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुल अठाइस छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया जिसमें से 24कृषिस्नातक द्वितीय वर्ष एवं 4कृषि स्नातक तृतीय वर्ष से सम्बंधित थे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथितथा संस्थान के निदेशक डॉ लक्ष्मीकांत द्वारा किया गया।निदेशक महोदय ने अपने ब्याख्यान में प्रशिक्षु विद्यार्थियों को पर्वतीय कृषि के विभिन्न आयामों से परिचित कराया तथा उन्हें संस्थान द्वारा विकसित फसलों की प्रजातियों व अन्य तकनीकियों के विषय में भी विस्तार से जानकारी दी।
संस्थान के वैज्ञानिकों ने पर्वतीय कृषि से सम्बंधित विविध क्षेत्रों पर कुल 13 व्याख्यान और व्यावहारिक ज्ञान दिए गए। एकीकृत कीट और रोग प्रबंधन, जैविक खेती, फार्म मशीनीकरण, जैवप्रौद्योगिकी, मशरूम की खेती, संरक्षित खेती, मधुमक्खी पालन आदिविषय सम्मिलित थे।
इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों का संस्थान द्वारा भाकृअनुप-केद्रिय शीतोष्ण औद्यानिकी संस्थान, भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान का क्षेत्रीय केन्द्र, मुक्तेश्वर एवं हिलांस हवालबाग में भ्रमण कराया गया। विद्यार्थियों को कृषि संबंधी क्रियाकलापों की विषय में विस्तार से जानकारी दीग यी
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षु विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को महत्त्वपूर्ण बताते हुए संचालन समितित संस्थान के निदेशक डॉ लक्ष्मीकांत को धन्यवाद दिया और कहा कि प्रशिक्षण से उनके पर्वतीय कृषि से सम्बंधित सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान में वृद्धि हुईहै।प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयन संस्थान के वैज्ञानिक डॉ तिलकमंडल, डॉ जीवन बी.और डॉ प्रियंका खाती द्वारा किया गया ।