रुद्रप्रयाग। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के दौरान रैतोली में निर्माणाधीन एडिट टनल 7 पर हुए विस्फोट में एक कर्मचारी की मौत हो गई, जिससे गुस्साए कर्मचारी-मजदूरों ने बुधवार को सुमेरपुर मेगा कंपनी कार्यालय में प्रदर्शन किया।
साथ ही निर्माण कार्य रोक दिया। इस दौरान उन्होंने कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया और पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की।
प्रत्यक्षदर्शी अनुज भट्ट ने कहा कि वह दोनों टनल के अंदर काम कर रहे थे, जबकि उनके साथ गुड्डू कैप्सूल भर रहा था। साथ ही ब्लास्टिंग भी सामने रखी थी। कुछ ही देर में ब्लास्टिंग में विस्फोट हुआ और गुड्डू भिलंगवाल की मौत हो गई।
इधर, मेगा कंपनी के जीएम ओंकार सिंह एवं डीजीएम एचएन सिंह ने बताया कि कंपनी नियमानुसार पीड़ित परिवार को मुआवजा देगी। कंपनी पूरी तरह पीड़ित परिवार के साथ है। इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष गीता झिंक्वाण, कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष बंटी जगवाण, जिपंस नरेंद्र बिष्ट, अगस्त्यमुनि ब्लॉक के ज्येष्ठ प्रमुख सुभाष नेगी, रेलवे संघर्ष समिति के अध्यक्ष नरेंद्र रावत सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी मजदूर मौजूद थे।
टनल में कार्य कर रहे मजदूरों के लिए नहीं है एंबुलेंस की व्यवस्था
रेल परियोजना का कार्य कर रही कंपनियों की ओर से सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं किये गये हैं। टनल के भीतर हो रहे विस्फोटों के बाद घायल मरीज के लिए एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नहीं की गई है।
ऐसे में मरीज को डंपर में ले जाया जाता है और वह रास्ते में ही दम तोड़ रहे हैं।
जिले में नरकोटा से सुमेरपुर तक मेगा कंपनी रेल परियोजना का कार्य कर रही है,लेकिन कंपनी की ओर से सुरक्षा के मानकों को दरकिनार किया जा रहा है। मंगलवार सायं के समय पांच बजे के करीब रैतोली में निर्माणाधीन एडिट टनल 7 पर हुए विस्फोट में क्वीली के गुड्डू लाल ने अपनी जान गंवा दी।
प्रत्यक्ष दर्शी के अनुसार विस्फोट का सामान पहले ही पहुंचा दिया गया था, जबकि विस्फोट सात बजे किया जाता है ऐसे में घटना घट गई और गुड्डू को अपनी जान को गंवाना वहीं गुड्डू की मौत के बाद से क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है वह अपने पीछे पत्नी और तीन छोटे-छोटे बच्चों का हंसी-खुशी परिवार को छोड़ गया है।
गुड्डू की मौत के बाद रेलवे का कार्य कर रहे मजदूर भी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि रेलवे का कार्य कर रही कंपनियों को पहले मजदूरों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
टनल के भीतर एक भी ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं हैं, जबकि सेफ्टी ऑफिसर को भी तैनात नहीं किया गया है।
घटना के बाद से टनल का इंचार्ज भी गायब है। कर्मचारियों ने कहा कि जब भी कोई मजदूर आवाज उठाता है तो उसकी आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है।