रुद्रप्रयाग। मौसम विभाग की ओर से जारी किया गया भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट सच साबित हुआ। केदारनाथ धाम सहित हिमालयी क्षेत्रों में जहां जमकर बर्फबारी हुई, वहीं निचले क्षेत्रों में बारिश जारी रही। केदारनाथ धाम में मई माह में दिसंबर-जनवरी जैसी बर्फबारी हुई।
बर्फबारी के कारण धाम में पहुंच रहे यात्रियों को भारी ठंड और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बर्फबारी और बारिश के कारण एक बार फिर से केदारनाथ यात्रा को रोकना पड़ा और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया। जो यात्री मंगलवार सुबह केदारनाथ भेजे गये थे, उन्हें भी सुरक्षित ठिकानों पर रूकने की सलाह दी गई।
बता दें कि दो दिनों तक मौसम विभाग ने बर्फबारी और बारिश का अलर्ट जारी किया था। इस बारिश और बर्फबारी का बुरा असर केदारनाथ धाम की यात्रा पर पड़ रहा है। 23 मई को जहां दिनभर बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा बंद रही। वहीं मंगलवार को कुछ देर के लिये यात्रा खुलने के बाद बारिश होने पर फिर से यात्रा को बंद कर दिया गया और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने की सलाह दी गई। केदारनाथ धाम में दिनभर भारी बर्फबारी होती रही। धाम में इन दिनों दिसम्बर-जनवरी जैसी बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी और बारिश के कारण यात्रा चरमरा गई है। धाम पहुंच रहे यात्रियों को इस बारिश और बर्फबारी में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
केदारनाथ धाम सहित विभिन्न पड़ावों में हो रही बारिश के बाद तीर्थ पुरोहितों ने तीर्थयात्रियों से अपील की। तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि धाम के साथ ही यात्रा पड़ावों में बारिश हो रही है। ऐसे में प्रशासन ने सुरक्षा के तौर पर यात्रा रोकी है। जब मौसम साफ होगा, प्रशासन श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम भेज देगा। श्रद्धालु जहां हैं, वहां पर सुरक्षित रहें और बारिश बंद होने के बाद ही बाबा की यात्रा करें। वहीं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के बताया कि लगातार हो रही बारिश के कारण यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए गौरीकुंड और सोनप्रयाग में केदारनाथ दर्शन करने जा रहे प्रात: साढ़े दस बजे के करीब अस्थाई रूप से रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि सोमवार को रोके गये यात्रियों को मंगलवार सुबह ही केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए रवाना किया गया। यात्रा मार्ग पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस प्रशासन तथा सभी अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने जानकारी दी कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर किसी भी प्रकार के भूस्खलन की कोई सूचना नहीं है।