केदारनाथ धाम में तबियत खराब होने पर हेली सेवा से पहुंचाया जा रहा गुप्तकाशी
हर दिन दोपहर बाद मौसम खराब होने से तीर्थयात्रियों की हालत हो रही खराब
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। अब तक यात्रा के दौरान 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें एक व्यक्ति की खाई में गिरने से मौत हुई है, जबकि अन्य यात्रियों की हार्टअटैक तथा ठंड के कारण मौत होनी बताई जा रही है।
वहीं केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की तबियत खराब होने पर हेलीकॉप्टर से गुप्तकाशी भेजा रहा है, जिससे समय पर इलाज मिलने से कई तीर्थयात्रियों की जान को भी बचाया गया है।
बता दें कि केदारनाथ धाम में दोपहर बाद हर दिन मौसम करवट बदल रहा है, जिस कारण तेज बारिश होने के साथ ही हल्की बर्फबारी भी हो रही है। केदारनाथ धाम में जा रहे तीर्थयात्री अपने साथ पूरी व्यवस्था के साथ नहीं जा रहे हैं, जिस कारण उनकी तबियत खराब हो रही है और वे आकस्मिक मौत का शिकार हो रहे हैं।
मौसम खराब होने के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाएं भी बाधित हो जाती है, जिस कारण उन्हें समय से इलाज नहीं मिल पा रहा है। जबकि मौसम साफ रहते समय तीर्थयात्री की तबियत खराब होने पर शीघ्र हेलीकॉप्टर से गुप्तकाशी भेजकर तीर्थयात्री की जान को बचाया जा रहा है।
केदारनाथ यात्रा के दौरान अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है। बृहस्पतिवार को केदारनाथ पैदल मार्ग के लिनचौली के पास कालका प्रसाद गुप्ता निवासी जिला हमीरपुर बुंदेलखंड उत्तरप्रदेश की अचानक तबियत खराब हो गई।
तबियत खराब होने के बाद डीडीआरएफ टीम यात्री को गौरीकुंड अस्पताल लेकर आई। यात्री की हालत देख डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिंदेश शुक्ला ने बताया कि अभी तक यात्रा मार्ग पर दस तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी हैं। इनमें एक यात्री की खाई में गिरने से मौत हुई है, जबकि अन्य यात्रियों की हार्टअटैक से संभवत: मौत हुई है।
उन्होंने कहा कि गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक 16 चिकित्सक तैनात किये गये हैं। यात्रा मार्ग पर 12 एमआरपी हैं। धाम में 3 सिक्स सिग्मा, 4 विवेकानंद अस्पताल के अलावा एक फिजिशियन और एक चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैनात किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि बीमार तीर्थयात्रियों को केदारनाथ यात्रा पर नहीं आना चाहिए। कुछ तीर्थयात्री ऐसे भी आ रहे हैं, जिनकी सर्जरी होनी है और वे बिना चिकित्सक के राय के केदारनाथ पहुंच रहे हैं।
जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ संजय तिवारी ने कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है। यहां खड़ी चढ़ाई चढक़र पहुंचना पड़ता है। पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है।
पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती हैं। केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है।
ऐसे में हार्टअटैक जैसी घटना घट जाती है। तीर्थयात्रियों को अपनी दवाईयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए। इसके अलावा जो तीर्थयात्री केदारनाथ पर आते हैं, वे आस्था पर आने से खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं।
तीर्थयात्रियों को ऐसा नहीं करना है। कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाइयां, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था के साथ आना चाहिए।