नैनीताल । बाजपुर के पिपलिया गांव में हुई गोलीबारी के मामले में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने जांच अधिकारी को निर्देश दिए कि 17 मई को समस्त दस्तावेजों के साथ व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हों।
इस प्रकरण की सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा के नेतृत्ववाले युगलपीठ में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि उन्होंने इस प्रकरण में पहले मुकदमा दर्ज कराया था और उसके बाद विपक्षी पार्टी की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया।
उनकी ओर से दर्ज मामले में पुलिस की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गयी जबकि विपक्षियों द्वारा दर्ज मुकदमे में उनको भगोड़ा दिखाया गया है। मुकदमे में धाराएं भी बदल दी गयी हैं जिससे उनकी जमानत न हो सके।
इस घटना में कुलवंत पुत्र सुखदेव निवासी बग्गा फार्म थाना मिलक खानम, रामपुर उप्र की मृत्यु हो गई और कनिष्ठ ब्लाक प्रमुख तेजेंद्र उर्फ जंटु निवासी ग्राम खंबारी बाजपुर घायल हो गए।
पुलिस ने अविनाश शर्मा निवासी केशोवाला व अज्ञात लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि उन पर अवैध वसूली का आरोप लगाया गया है।
कहा गया कि जब आरोपी इसमें सफल नहीं हो पाये तो अविनाश शर्मा व अन्य ने नेत्र प्रकाश शर्मा के घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। महिलाओं के साथ मारपीट भी की गयी।