होटल व रेस्टोरेंट ग्राहकों को टिप देने के लिए नहीं कर सकेंगे मजबूर

बिल में सर्विस चार्ज जोड़ने पर देना होगा टैक्स

देहरादून। उत्तराखंड में होटल-रेस्टोरेंट संचालक अब ग्राहकों, पर्यटकों, श्रद्धालुओं को टिप देने को मजबूर नहीं कर सकेंगे वे उन्हें जीएसटी बिल के अलावा सर्विस चार्ज के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्यकर विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए हैं।
विधानसभा स्थित कार्यालय में राज्यकर विभाग के कमिश्नर सहित उच्चाधिकारियों के साथ वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पिछली बैठक की समीक्षा की।अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से बहुत बड़ा केंद्र भी है।

प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु पर्यटक यहां आकर्षित होते हुए अलग-अलग जगहों में पहुंचते हैं। ऐसे में इन श्रद्धालु, पर्यटक या अन्य नागरिकों से होटल, रेस्टोरेंट संचालक जीएसटी के अलावा सर्विस चार्ज भी वसूलते है, जो कि न्यायोचित नहीं है।
अग्रवाल ने कमिश्नर राज्यकर को निर्देशित करते हुए कहा कि इस संदर्भ में जनता को जागरूक किया जाए। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। अग्रवाल ने कहा कि सर्विस चार्ज को टिप कहकर ग्राहकों को उसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। इस तरह के सर्विस चार्ज अथवा टिप को देना ग्राहक के विवेक पर निर्भर करता है।
अग्रवाल ने स्थानीय नागरिकों सहित अन्य लोगों से अपील की है कि इस मामले में जागरूक रहें और विभिन्न प्लेटफार्मों के जरिए जागरूकता फैलाएं। जिससे ज्यादा संख्या में ओर पर्यटक उत्तराखंड की पवित्र भूमि की ओर से आकर्षित हो सके।
अग्रवाल ने कहा कि होटल रेस्टोरेंट को बिल पर सर्विस चार्ज लेना अनिवार्य नहीं है।

यदि सर्विस चार्ज अथवा टिप बिल में जोड़ा तो उस पर उन्हें टैक्स चुकाना होगा। मौके पर अधिकारियों को राजस्व बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
इस मौके पर कमिश्नर राज्यकर मोहम्मद इकबाद अहमद, एडिशनल कमिश्नर मुख्यालय विपिन चंद, एडिशनल कमिश्नर गढ़वाल जोन अनिल सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर मुख्यालय अनुराग मिश्रा, डिप्टी कमिश्नर मुख्यालय जगदीश सिंह मौजूद रहे।

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