झारखंड : आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के 20 ठिकानों पर ईडी का छापा, कोरोड़ो मिले, नकदी गिनती के लिए मंगाई गई मशीन

रांची।  झारखंड की वरिष्ठ आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल व उनसे जुड़े व्यक्तियों के 20 ठिकानों पर  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने एक साथ छापेमारी की है। छापेमारी अवैध खनन मामले में की गयी है

जानकारी के अनुसार यह ठिकाने झारखंड के रांची, खूंटी, राजस्थान के जयपुर, हरियाणा के फरीदाबाद व गुरुग्राम, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिहार के मुजफ्फरपुर व दिल्ली एनसीआर में हैं।

सूत्रों से पता चला है की पूजा सिंघल के करीबी के घर से 17 करोड़ रुपये मिले है। बरामद नकदी की गिनती के लिए मशीन मंगाई गई थी। यह पैसा इनके चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) के घर से मिली है।

ईडी ने मनरेगा घोटाले के एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपथ पत्र दायर की थी। ईडी ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपए के घोटाले के वक्त वहां की उपायुक्त पूजा सिंघल थीं। इस मामले में वहां के जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे।

राम विनोद सिन्हा भी काफी दिनों तक ईडी की आंखों में धूल झोंकने के बाद अंतत: कोलकाता के एक अड्डे से पकड़े गये थे। गिरफ्तारी के बाद ईडी को दिए अपने बयान में यह स्वीकार किया था कि कमीशन की राशि उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचती थी। ईडी ने चतरा और पलामू के भी दोनों मामलों की चल रही जांच की जानकारी अपने शपथ पत्र के माध्यम से हाई कोर्ट को दी थी।

उल्लेखनीय है कि पूजा सिंघल चतरा जिले में अगस्त 2007 से जून 2008 तक उपायुक्त के पद पर तैनात थीं। आरोप है कि उन्होंने दो एनजीओ को मनरेगा के तहत छह करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। इन दोनों एनजीओ में वेलफेयर पाइंट और प्रेरणा निकेतन शामिल है। यह राशि मूसली की खेती के लिए आवंटित की गई थी, जबकि इस तरह का कोई कार्य वहां नहीं हुआ था, जिसकी जांच अभी जारी है। इसके अलावा पलामू जिला में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल पर यह आरोप है कि उन्होंने करीब 83 एकड़ जंगल भूमि को निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर किया था।

यह कठौतिया कोल माइंस से जुड़ा मामला है। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले की भी जांच जारी है। साथ ही अवैध माइनिंग मामले में भी जांच की जा रही है। ज्ञातव्य है कि ईडी की टीम झारखंड सहित कई राज्यों में एक साथ छापेमारी कर रही है। ईडी झारखंड के रांची, खूंटी, राजस्थान के जयपुर, हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिहार के मुजफ्फरपुर और दिल्ली एनसीआर सहित 20 स्थानों छापेमारी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद खुद हेमंत सोरेन ने पल्स अस्पताल की जांच कराने की बात कही थी। बाद में खुद पूजा सिंघल उनकी भरोसेमंद अधिकारी बन बैठी। वैसे इस छापामारी ने झारखंड की पूरी ब्यूरोक्रेसी को हिलाकर रख दिया है। कई अन्य अफसर भी ऐसे हैं, जो लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे होने के बाद भी बचते रहे हैं।

जाहिर है कि केंद्रीय सेवा कानूनों में बदलाव के बाद झारखंड के अफसरों तक यह साफ संदेश पहुंचा है कि उनकी लगाम दरअसल केंद्र के हाथों हैं। आज लगभग सभी प्रमुख कार्यालयों में भी पूजा सिंघल के यहां हुई छापामारी ही मुख्य चर्चा का विषय बना रहा। सोशल मीडिया पर भी इस छापामारी पर जारी सूचनाओं पर लोगों ने यह सवाल किया कि आखिर इतनी अधिक विवादों में रहने के बाद भी इस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई इससे पहले क्यों नहीं हो पायी थी।

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