सिलीगुड़ी : आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए उनके विचारों को, उनकी लेखनी को, एक बड़ा मंच देने के लिए सिलीगुड़ी के मैथिबाड़ी में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान ‘कविता कथा कारवां’ के पश्चिम बंगाल शाखा की कार्य समिति का गठन किया गया।
इस विशेष बैठक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कविता कथा कारवा के कदम दर कदम मिलाते हुए पश्चिम बंगाल में किस तरह से शैक्षिक, सामाजिक, साहित्यिक विचारों को आने वाली पीढ़ी के द्वारा आगे लाया जाए इस पर विशेष चर्चा की गई।
जिसमें महत्वपूर्ण कुछ निर्णय लिए गए इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य नवलेखन को मंच प्रदान करना, नए लेखकों को कारवां प्रकाशन के सहयोग से पुस्तकों के प्रकाशन हेतु सहायता प्रदान, हिंदी साहित्य जगत में युवाओं को नया मंच प्रदान करना इन सभी पहलुओं पर विचार विमर्श किए गए।
साथ ही यह भी बताया गया कि कविता कथा कारवां के अतुलनीय सहयोग के माध्यम से विद्यार्थियों में कला और साहित्यिक अभिरुचि को बढ़ावा देगी यह संस्था हिंदी बंगला और नेपाली भाषा की उन्नति के लिए भी कार्य करेगी। कविता कथाकार संस्था के कार्यसमिति में संरक्षक के पद पर डॉ श्याम सुंदर अग्रवाल उपाध्यक्ष के पद पर डॉ वंदना गुप्ता ,सचिव के पद पर डॉ अजय कुमार साव, उप सचिव के पद पर श्रीमती अर्चना शर्मा , कोषाध्यक्ष के पद पर कर्नल तरुण तिवारी, सह कोषाध्यक्ष के पद पर सोनी केड़िया, समिति के सलाहकार के पद पर प्रतिमा जोशी ,आशा गुप्ता , साथ ही मीडिया प्रभारी के के पद पर किरण अग्रवाल, पूनम चौधरी , प्रेरणा यादव तथा संयोजक के रुप में मनोज विश्वकर्मा, सह संचिता देवनाथ, रुबी प्रसाद, भारती बिहानी को नियुक्त किया गया।
इस अवसर पर कविता कथा कारवां की नवगठित कार्यसमिति की उपाध्यक्ष डॉ वंदना गुप्ता ने बताया कि अवसर सभी को मिलना चाहिए और वह अवसर देने के लिए ही हमारे इस कार्य समिति का गठन हुआ है। हम स्कूली बच्चों व कॉलेज छात्रों सहित युवा पीढ़ी को साहित्य, संस्कृति को लेकर मंच पर कुछ अलग कर दिखाने की प्रतिभा को लेकर काम करेंगे व उन्हें प्रोत्साहित करेंगे आगे लाएंगे। वह चाहे फिर लेखन का कार्य हो या कोई नाटक मंचन हो या संस्कृति से जुड़ी साहित्य या पुस्तक लेखन से जुड़ी कोई भी प्रतिभा हो। हमारी यह संस्था नेपाली बंगला हिंदी सभी साहित्य को बढ़ावा देगी। उप सचिव अर्चना शर्मा से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि आगे जाकर हमारी संस्था नवयुग को गढ़ने में मील का पत्थर साबित होगी। वहीं नारी शक्ति के रूप में जानी जाने वाली प्रतिमा जोशी ने बताया कि आज संस्था के गठन से हमारे कदम बढ़े हैं। एक सपना और एक नई उड़ान को लेकर बहुत जल्द सांस्कृतिक जगत में यह हमारी नई पीढ़ी के लिए नये भविष्य का निर्माण करेगा।-संयोजक के रुप में मनोज विश्वकर्मा, सह संचिता देवनाथ, रुबी प्रसाद, भारती बिहानी।