प्रारंभिक शिक्षा को बेहतर एवं रूचिकर बनाया जायेगा: धन सिंह रावत
सहकारिता विभाग में चतुर्थ श्रेणी भर्ती रोकी, जाँच के आदेश
- विभागीय अधिकारियों को प्राथमिकता वाले कार्यों के लिए दिया 100 दिन का टारगेट
- समीक्षा के दौरान अपने कार्यों में खरे न उतरने वाले कार्मिंकों के विरूद्ध होगी कार्यवाही
देहरादून । प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्तापरक एवं सुदृढ़ बनाने के विशेष अभियान चलाया जायेगा। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को 100 दिन का समय दिया जायेगा। साथ ही विभिन्न विद्यालयों में रिक्त प्रधानाचार्यों, प्रधानाध्यापकों, प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों को प्रोन्नति एवं सीधी भर्ती के माध्यम से भरा जायेगा।
विभागीय ढ़ांचे को पटरी पर लाने के लिए नियमावली में संशोधन करने की आवश्यकता पड़ी तो भी इस दिशा में कार्य किया जायेगा। सहकारिता विभाग में पिछले दिनों हुई चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तिओं में गड़बड़ी की शिकायत पर तत्काल रोक लगा दी गयी है तथा उच्च स्तरीय जाँच के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये है।
जरूरत पड़ने पर भर्तियों में हुई धंधली की एसआईटी जाँज भी करायी जायेगी।यह बात प्रदेश के शिक्षा, सहकारिता, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने बताया कि विभिन्न श्रोतों के माध्यम से पिछले दिनों सहकारिता विभाग में की गई चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की भर्ती में कुछ जनपदों में धांधली की शिकायतें मिली है।
जिस पर विभागीय अधिकारियों को भर्ती पर रोक लगाते हुए उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दे दिये गये है जाँच में दोषी पाये जाने पर संबंधित जनपदों के अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है इसके लिए शिक्षा जगत के विद्वानों से सुझाव आमंत्रित कर प्रारंभिक शिक्षा को और बेहतर एवं रूचिकर बनाया जायेगा।
इसके अलावा माध्यमिक स्तर पर रिक्त शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों एवं प्राचार्यों के रिक्त पदों को प्रोन्नति तथा सीधी भर्ती के माध्यम से शीघ्र भरने का प्रयास किया जायेगा। इसके लिए यदि विभागीय नियमावली में संशोधन की भी आवश्यकता पड़ी तो भी सरकार पीछे नहीं हटेगी।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, सहकारिता एवं उच्च शिक्षा विभाग को 100 दिन का टारगेट दिया जायेगा। तदोपरान्त समीक्षा बैठकों का आयोजन कर मानकों पर खरा नहीं उतरने वाले अधिकारियों एवं कार्मिकों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सवालों के जवाब में डॉ. रावत ने कहा कि सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर एवं पारदर्शी बनाया जायेगा ताकि प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक इन सुविधाओं का लाभ आसानी से पहुंच सके।
डॉ. रावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा अनेक जनउपयोगी योजनाएं संचालित की जा रही हैं जिनके क्रियान्वयन में तेजी लाई जायेगी।