ब्राह्मण-ठाकुर को भाजपा तो दलित-मुस्लिम को कांग्रेस पसंद
भाजपा को ब्राह्मणों के 63 ,ठाकुरों के 53, दलितों के 26 मुसलमानों के छह फीसद
- कांग्रेस को ब्राह्मणों के 26 ,ठाकुरों के 26, दलितों के 48 मुसलमानों के 77 फीसद वोट
- कांग्रेस को पहाड़ में दलितों का भरपूर समर्थन पर मगर मैदान दलितों को बसपा पसंद
देहरादून। प्रदेश के इस बार के विधानसभा चुनाव इशारा कर रहे हैं कि सवर्ण बहुल उत्तराखंड में ब्राह्मणों और क्षत्रिय वोटरों की पहली पसंद भाजपा है जबकि दलितों और मुसलमानों की कांग्रेस।
सीएसडीएस-लोकनीति के चुनाव बाद सर्वे के नतीजे कह रहे हैं कि 2017 के विस चुनाव के मुकाबले इस बार ब्राह्मण और क्षत्रिय वोट भाजपा की झोली में ज्यादा गिरे और इन्ही के बढ़े हुए वोटों ने भाजपा को प्रदेश में सत्तारुढ़ दल की दोबारा सरकार न आने के कथित मिथक को तोड़ने में मदद की।
आंकड़े बता रहे हैं कि आखिर ऐसे नतीजे कैसे आए।सीएसडीएस-लोकनीति के मुताबिक प्रदेश में करीब 12 फीसद ब्राह्मण, 3 फीस ठाकुर, सात फीसद अन्य सवर्ण, सात फीसद अन्य पिछड़ वर्ग, 19 फीसद दलित, 14 फीसद मुसलमान व 8 फीसद अन्य वोटर हैं।
सर्वे के मुताबिक प्रदेश में भाजपा को 2017 में 52 फीसद ब्राह्मणों का साथ मिला था वह 2022 में 11 फीसद बढ़कर 63 फीसद हो गया। 2017 में भाजपा को ठाकुरों का 53 फीसद वोट मिला जो इस बार सात फीसद बढ़कर 6 फीसद हो गया।
अन्य सवर्णों को देखें तो यह 12 फीसद घटा और 2017 के 68 फीसद से घटकर 56 फीसद हो गया। ओबीसी वोट 2017 में 54 फीसद था जो 2२2 में चार फीसद बढ$ 58 फीसद हो गया। दलित वोट की बात करें तो वह भाजपा से छिटकता दिखता है। 216 में भाजपा को 37 फीसद दलितों ने मत दिया जबकि 222 में यह 19 फीसद घटा और केवल 26 फीसद रह गया। भाजपा को मिलने वाला मुस्लिम वोट भी घटा है।
2017 में जहां 10 फीसद मुसलमानों ने भाजपा को वोट किया वह 2022 में घटकर छह फीसद रह गया। अन्य जातियों से मिलने वाला वोट भी 46 फीसद से 14 फीसद घटकर 34 फीसद रह गया।