देहरादून। 47 सीटों के बाद भी भाजपा में कौन मुख्यमंत्री होगा और कैबिनेट में कौन-कौन शामिल होंगे, इसके लिए मंथन जारी है।
माना जा रहा है कि आगामी 19 मार्च को देहरादून में विधानमंडल दल की बैठक हो सकती है। दरअसल भाजपा पार्टी द्वारा बनाए गए पर्यवेक्षकों को 19 तारीख को देहरादून भेजा जा सकता है।
बैठक में वह विधायकों से चर्चा कर मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकते हैं। माना जा रहा है कि 20 या 21 मार्च को प्रदेश के नए मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल के साथ शपथ भी ले सकते हैं।
भाजपा आलाकमान की कृपा के लिए भाजपा के बहुत से नेता दिल्ली कूच कर चुके हैं। माना जा रहा है कि सभी पूर्वानुमानों व अब तक की परंपरा को धता बताते हुए भाजपा हाईकमान कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकता है।
2017 से अब तक तीन बार मुख्यमंत्रियों के चयन में हाईकमान कुछ अप्रत्याशित फैसलों से यह धारणा बन चुकी है। कहा जाता है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद तीरथ सिंह रावत और फिर पुष्कर सिंह धामी को जब मुख्यमंत्री का दायित्व दिया गया, उन्हें भी अंतिम पलों में फैसले का पता चला।
ऐसे में एक बार फिर से पार्टी नेता हाईकमान के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव 2022 में सीएम पुष्कर सिंह धामी के खुद हार जाने के बाद भाजपा कई विकल्पों पर विचार कर रही है। इसमें सांसद, गैरसांसद-विधायक व विधायक सभी हैं।
जो नाम सियासी हलकों में चर्चा में हैं उनमें निवर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, सतपाल महाराज, ऋतु खंडूड़ी, रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत आदि शामिल हैं हालांकि विभिन्न नेताओं के समर्थक अपने-अपने नेताओं के नाम भी चर्चा में शामिल कर रहे हैं।
इसके लिए वे विभिन्न तर्क दे रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बार भी पहले की तरह ही अप्रत्याशित चेहरा सामने आ सकता है। हालांकि फैसले चौंकाने वाले इसलिए लगता है क्योंकि किसी को पता नहीं चलता कि पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसको कमान देने का मन बना रखा है।