22 मार्च को होगा दून का ऐतिहासिक श्री झंडेजी का आरोहण
श्री झंडे मेले में देश-विदेश से पहुंचेंगे लाखों की संगतें
देहरादून। दून का ऐतिहासिक श्री झंडेजी का आरोहण 22 मार्च हो होगा। श्री झंडे जी के आरोहण के साथ ही ऐतिहासिक मेला शुरु हो जाएगा। जिसमें देश-विदेश से लाखों संगतें पहुंचेगी। श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की ओर से मेला आयोजन समिति के सभी पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
सोमवार को श्री दरबार साहिब प्रबंधन की ऐतिहासिक श्री झंडे जी मेले के आयोजन की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गयी। बैठक की जानकारी देते हुए आयोजन समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि इस वर्ष लाखों की संख्या में देश-विदेश से संगतों के पहुंचने की संभावना है।
मेले के दौरान होने वाली प्रमुख गतिविधियों व उनके संचालन को लेकर चर्चा की गई। मेले के सफल संचालन हेतु 50 समितियों का गठन किया गया। मेला समिति के पदाािकारियों को पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग करने व मेले में आने वाले श्रद्धालुओं व संगतों की सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने बतााय कि देश-विदेश से आने वाली संगतों के लिए एसजीआरआर पब्लिक स्कूल की विभिन्न शाखाओंं- रेसकोर्स, बिंदाल, राजा रोड, तालाब व बॉम्बे बाग में आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। शहर की प्रमुख धर्मशालाओं व होटलों के संचालकों से संपर्क कर मेला आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं व संगतों के ठहरने हेतु आवश्यक व्यवस्था बनाई है। इस वर्ष मेला आयोजन के दौरान 8 बडे लंगर व 4 छोटे लंगरों की विशेष व्यवस्था की गई है।
श्री झण्डे जी मेले का शिड्यूल जारी
श्री झण्डे जी मेला आयोजन समिति की ओर से मेला आयोजन का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दिया गया है। 12 मार्च को श्री दरबार साहिब के प्रतिनिधि सुबोध उनियाल पंजाब की पैदल संगत के लिए श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज का हुकुमनामा लेकर जाएंगे।
14 मार्च को अराइंयावाला में श्री झण्डे जी का आरोहरण किया जाएगा। 15 मार्च को पैदल संगतों का जत्था सहसपुर पहुंचेगा, श्री दरबार साहिब मेला आयोजन समिति की ओर से संगतों का सहसपुर में स्वागत किया जाएगा।
16 मार्च को पैदल संगत कांवली होते हुए श्री दरबार साहिब पहुंचेगी। श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुआई में दर्शनी गेट पर परंपरानुसार पैदल संगत का स्वागत किया जाएगा। 16 मार्च से संगतों के श्री दरबार साहिब पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
19 मार्च को श्री झण्डे जी के आरोहण के लिए तैयार किए गए ध्वजदंड को एसजीआरआर बॉम्बे बाग स्कूल से श्री दरबार साहिब तक लाया जाएगा। इसी दिन गिलाफ सिलाई का कार्य भी शुरू हो जाएगा। 21 मार्च की शाम को परंपरा के अनुसार पूर्व से आई संगतों की विदाई होगी।
22 मार्च को सुबह 8 बजे से 9 बजे के बीच श्री झण्डे जी को उतराने का कार्यक्रम होगा। सेवकों व संगतों द्वारा श्री झण्डे जी को दही, घी, गंगाजल, एवम् पंचगब्यों से स्नान करवाया जाएगा।
सुबह 1 बजे से 2 बजे तक श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी द्वारा संगतों को दर्शन दिए जाएंगे व गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। शाम 3 बजे से 4 बजे के बीच श्री झण्डे जी का आरोहण किया जाएगा। 24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी। 10 अप्रैल 2022 को रामनवमी के दिन श्री झण्डे जी मेला संपन्न हो जाएगा।
दो साल बाद इस बार मेले में सजेंगी दुकानें
कोविड महामारी की वजह से विगत दो सालों से मेला बाजार नहीं लग पाया था, लेकिन इस बार मेले में सभी दुकानें लगेंगी। मेला व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि इस बार सामान्य वर्षों की भांति मेला बाजार सजेगा। मेले में सभी प्रकार की दुकानें, झूले व चर्खियां आकर्षण का प्रमुख केन्द्र होंगे। मेला बाजार में दुकानदार दुकानों, झूलों व चर्खियों के लिए बुकिंग करवा चुके हैं।
श्री झण्डे जी मेले का ऐतिहासिक महत्व
सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज का जन्म सन् 1646 ई. में जिला होशियारपुर के कीरतपुर, पंजाब में हुआ था।
श्री गुरु राम राय जी महाराज ने देहरादून को अपनी तपस्थली चुना व श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए विशाल झंडा लगाकर श्रद्धालुओं को ध्वज से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया था। होली के पांचवें दिन चौत्रवदी पंचमी को श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हर साल श्री झण्डे जी मेल का आयोजन किया जाता है।