देहरादून। भाजपा आलाकमान की चेतावनी के बाद भाजपा के उम्मीदवार तो खैर चुप हो गए लेकिन भाजपा में में भीतर-भीतर रार जारी है। पार्टी में प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं।
वर्ष 2009 में हरिद्वार सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे पत्र ने यह साफ कर दिया है कि भाजपा में सबकुछ ठीक ठाक नहीं।
स्वामी यतींद्रानंद के पत्र से प्रदेश भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है। उन्होंने पत्र में कहा है कि इस बार चुनाव में कुप्रबंधन की वजह से कुछ जगह परिणाम आशा के विपरीत भी आ सकते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र में महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने कहा है कि उत्तराखंड में प्रदेश स्तर पर कोई जिम्मेदार एवं गंभीर व्यक्ति नहीं था, जो चुनाव प्रबंधन की रूपरेखा ठीक से बना सके।
उन्होंने लिखा है कि प्रदेश संगठन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी जिन व्यक्तियों को दी गई, वह स्वयं चुनाव लड़ने और संगठन के बाकी व्यक्तियों को चुनाव हरवाने में स्पष्ट रूप से सक्रिय दिखे। कई विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के ही नेता असंतुष्ट होकर चुनाव मैदान में उतरे या उतारे गए।
स्थानीय एवं प्रदशस्तर से कोई ठीक से वार्ता कर समझाकर बैठाने के प्रयास ही नहीं किए गए, जबकि यह संभव था। समझाने-बुझाने के नाम पर केवल औपचारिकताएं जरूर पूरी की गई। उन्होंने पत्र में कहा है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भी वर्तमान में शीर्ष नेतृत्व पर मौजूद व्यक्ति ने हरवाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना को समझते हुए उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने पत्र की प्रतिलिपि गृह मंत्री अमित शाह एवं राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को भी भेजी है।
बता दें कि इससे पहले भाजपा के लक्सर से उम्मीदवार व मौजूदा विधायक संजय गुप्ता, चंपावत से कैलाश गहतोड़ी, डीडीहाट से कैबिनेट मंत्री व उम्मीदवार बिशन सिंह चुफाल, काशीपुर प्रत्याशी त्रिलोक सिंह चीमा के मौजूदा विधायक पिता हरभजन सिंह चीमा, स्व. हरबंस कपूर की पत्नी व देहरादून कैंट से प्रत्याशी सविता कपूर , यमुनोत्री विधायक व उम्मीदवार केदार सिंह रावत पार्टी के नेताओं पर भितरघात का इलजाम लगा चुके हैं।