एक-दूजे को मात देने के लिए सियासी मैदान में डटे सुरमा
देहरादून जनपद की 10 विधानसभा सीटों पर तस्वीर हुई साफ
- कहीं होगा आमने-सामने का मुकाबला तो कहीं बन सकता त्रिकोण
- बागियों को मनाने में भाजपा-कांग्रेस काफी हद तक रही कामयाब
- अगले 13 दिन पूरी ताकत झोंकने की तैयारी, बड़ी रैलियों पर रोक
देहरादून । नाम वापसी के बाद देहरादून जिले के अंतर्गत आने वाली 1 विधानसभा सीटों पर तस्वीर साफ हो गई है। 117 प्रत्याशी अब सियासी मैदान में खड़े हैं। इनमें भाजपा, कांग्रेस, उक्रांद, आप, सपा व बसपा के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी भी शामिल हैं तो निर्दलीयों की फौज भी। एक-दूजे को मात देने के उद्देश्य से अब सभी प्रत्याशी खुलकर मैदान में उतर गए हैं।
मतदाताओं को अपने पक्ष में खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव आयोग द्वारा बड़ी रैलियों व सभा पर लगाई गई रोक के कारण सभी प्रत्याशी डोर टू डोर कैंपेन कर मतदाताओं के दर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही डिजिटल प्लेटफार्म का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है।
यानी सियासी मैदान फतह करने के लिए अगले तेरह दिन प्रत्याशी पूरी ताकत झोंकने वाले हैं।जिले की दस सीटों पर भाजपा व कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हुए हैं। साथ ही राज्य की राजनीति में न्यू एंट्री करने वाली अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी सभी सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारे हुए हैं।
वहीं क्षेत्रीय दल उक्रांद के अलावा सपा व बसपा ने भी आधे से अधिक सीटों पर ताल ठोक रखी है। ऐस में छोटे दलों के प्रत्याशी व निर्दलीय भी कहां पीछे रहने वाले। इन सभी दस सीटों पर कई ऐसे प्रत्याशी मैदान में हैं जो छोटे दलों से हैं या फिर निर्दल।
अब आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सियासत के मैदान में कौन किसको कितनी टक्कर देता है। हां, इतना जरूर कि दस विधानसभा सीटों में से अधिकतर पर आमने-सामने की टक्कर होनी है। नाम वापसी के बाद प्रत्याशियों के नामों की जो तस्वीर साफ हुई है उसका लबोलुआब तो लगभग ऐसा ही है।
डोईवाला व ऋषिकेश विस सीट पर बगावत कर मैदान में उतरे अपनों को मनाने में भाजपा व कांग्रेस कामयाब रही है। कांग्रेस ने कैंट सीट पर भी अपने बागी को मना लिया है। पर भाजपा इस सीट पर बागी को मना नहीं सकी। ऐसे में इस सीट पर राह कुछ मुश्किल हो सकती है।
पिछले चुनावों का इतिहास भी बताता है कि जिले की दस विस सीटों पर हमेशा भाजपा व कांग्रेस में ही आमने-सामने की टक्कर हुई है। लेकिन इस बार आप पार्टी बड़े दावों के साथ सियासी मैदान में उतरी हुई है तो संभावना जताई जा रही थी कि मुकाबला त्रिकोणीय होगा।
पर जिले की दस विस सीटों पर आप का ऐसा कोई चेहरा मैदान में खड़ा नहीं जो कि भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे टक्कर दे सके। पर दिग्गजों के सियासी समीकरण खराब तो कर ही सकते हैं। निर्दलीय प्रत्याशी भी कई जगह बड़े दलों के सियासी समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
बहरहाल, यह कहना जल्दबाजी होगी कि किस सीट पर किसका आमना-सामना होगा और कौन मुकाबले को त्रिकोणीय बनाएगा। क्योंकि मैदान फतह करने के लिए सभी मैदान में डटे हुए हैं। पर इतना कहा जा सकता है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में परिणाम कुछ चौकाने वाले जरूर आ सकते हैं।
ये हैं जिले की 10 सीटें
राजपुर रोड, रायपुर, कैंट, धर्मपुर, मसूरी, सहसपुर, डोईवाला, ऋषिकेश, चकराता, विकासनगर