नैनीताल। हरिद्वार धर्म संसद प्रकरण में जेल में बंद जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को फिलहाल उत्तराखंड उच्च न्यायालय से जमानत नहीं मिल पायी है। अदालत ने इस मामले में सरकार से चार फरवरी तक दिशा निर्देश मांगे हैं।
तीर्थनगरी हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के मध्य धर्म संसद का आयोजन किया गया था। आरोप है कि इसमें एक धर्म के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिये गये। भड़काऊ भाषण के वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो कुछ लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी।
पुलिस की ओर से कुछ लोगों के खिलाफ हरिद्वार कोतवाली में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी। कुछ समय पहले धर्म परिवर्तन करने वाले जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को पुलिस ने 13 जनवरी को उप्र से हरिद्वार आते वक्त गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया। तब से वह जेल में बंद हैं।
निचली अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद वह जमानत के लिये उच्च न्यायालय पहुंचे। अदालत ने उनकी जमानत प्रार्थना पत्र पर आज सुनवाई की। आरोपी की ओर से कहा गया कि उन पर लगाये गये आरोप गलत हैं।
शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रणव सिंह की ओर से जमानत का विरोध किया गया। अंत में अदालत ने सरकार से इस मामले में निर्देश (जवाब) मांगे हैं। साथ ही शिकायतकर्ता को भी चार फरवरी तक जवाबी हलफनामा पेश करने को कहा है।