इंफाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मणिपुर में पहले छह प्रतिशत घरों में नल से पानी के कनेक्शन थे, वहीं अब 60 फीसदी घरों में यह सुविधा है तथा केंद्र केजल जीवन मिशन के तहत यह शत-प्रतिशत हो जायेगा और यहां के प्रत्येक घर में शीघ्र ही नल का पानी उपलब्ध होगा।
मोदी ने हापता कांगजीबुंग में 4800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 22 विकासपरक परियोजनाओं का औपचारिक लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने खचाखच भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र और मणिपुर में दोहरे इंजन वाली सरकार के होने से राज्य में बदलाव की बयार बह रही है।
उन्होंने जोर दिया कि यह सब एक डबल इंजन वाली सरकार की ताकत का प्रतिफल है। प्रधानमंत्री ने मणिपुर में पांच साल पहले भाजपा नीत सरकार चुनने के वास्ते अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए प्रदेश की जनता को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य की मौजूदा सरकार ने एलपीजी सिलेंडर, मुफ्त चावल, बिजली कनेक्शन और कोविड-19 के टीके उपलब्ध कराये हैं। इसके साथ ही राज्य के छह लाख किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है तथा सभी जिलों में आक्सीजन प्लांट हैं।
पिछली सरकार ने मणिपुर को अपने हाल पर छोड़ दिया था
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने मणिपुर समेत पूर्वोत्तर क्षेत्र की उपेक्षा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा,‘‘ पिछली सरकार ने मणिपुर को अपने हाल पर छोड़ दिया था। तब दिल्ली में बैठे लोग सोचते थे कि इतनी दूर तक कौन जाएगा। प्रधानमंत्री बनने के बाद मैं दिल्ली को आपके दरवाजे तक ले आया।
उन्होंने केंद्र की पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर आरोप लगाया कि वह केवल चुनावों के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र को याद करती रही। उन्होंने कहा, ‘‘ पहले पूर्वोत्तर का मतलब था ‘पूर्व की ओर मत देखो’। केंद्र की पिछली सरकारों ने महज चुनाव के समय इस क्षेत्र की सुध ली। इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ लाये।’’ प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘ पहले की सरकार ने बहुत समय बर्बाद किया।
मणिपुर के लिए 21वीं सदी बहुत महत्वपूर्ण है। हमें स्थिरता बनाए रखनी है और राज्य को विकास की नयी ऊंचाइयों पर ले जाना है। प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए कुछ लोग फिर से यहां अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि राज्य के लोगों ने उन पर ध्यान दिया और उम्मीद है कि वे इसे फिर से अंधेरे में नहीं जाने देंगे।