नयी दिल्ली। रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने आज अपना फैसला सुनाते हुए डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम और 4 अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई दी है।
इसके साथ ही राम रहीम पर 31 लाख रुपए और बाकी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। राम रहीम पहले से ही साध्वियों रेप और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के मर्डर केस में जेल है।
राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में 20 साल की कैद हुई है। वहीं पत्रकार की हत्या के मामले में भी वह उम्रकैद की सजा काट रहा है।
रंजीत सिंह हत्याकांड मामले में बीते 8 अक्तूबर को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302, 120-बी के तहत दोषी करार दिया गया।
2002 में रणजीत सिंह की हुई थी हत्या
10 जुलाई 2002 में रणजीत सिंह की उनके गांव में हत्या की गई थी। रणजीत सिंह डेरा के साथ जुड़े हुए थे और मैनेजर के पद पर काम कर रहे थे। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी।
रणजीत सिंह ने राम रहीम पर लगे इस आरोप के बाद डेरा को छोड़ दिया था। गुरमीत राम रहीम ने बड़ी कोशिश की कि रणजीत सिंह वापस आ जाए। लेकिन जब वो नहीं आया तो उनकी हत्या करवा दी गई।
इस मामले में पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी।