राकेश प्रजापति
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने प्रदेश में शराबबंदी को लेकर मुहिम छेड़ने का ऐलान किया है , उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 15 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया है ,बावजूद इसके प्रदेश में शराब की बिक्री किस तरह से बढ़ाई जाए ताकि उससे प्राप्त होने वाले राजस्व से प्रदेश का संचालन संधारण ठीक ढंग से हो सके ,इसको लेकर अधिकारियों की मीटिंग बुलाई परन्तु यह खबर जंगल में आग की तरह फ़ैल जाने पर अधिकारीयों के मंसूबे कामयाब नही हो सके और इस खबर ने प्रदेश की राजनीती के प्याले में तूफ़ान खड़ा कर दिया .
ज्ञात हो कि मात्र 15 महीनो की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो बीते 17वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री रहे ! प्रदेश के आर्थिक हालत जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं ! इसलिए सरकार को कामकाज चलाने के लिए शराब ही एक मात्र खेवनहार नजर आ रही है फिर हालात चाहे जैसे भी हो ? ऐसा नही है की प्रदेश में टेक्सो के माध्यम से अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होता है , परन्तु सरकार और प्रशासनिक खर्चो पर सरकार की पकड बिलकुल भी नही है ! प्रदेश में नौकरशाही बेलगाम और हावी है ! वहीं दूसरी ओर प्रदेश के किसानों की जी तोड़ मेहनतकर बम्फर उत्पादन कर मध्य प्रदेश पूरे देश में कृषि उत्पाद में प्रथम पायदान पर खड़ा कर दिया है ! जिसके चलते प्रदेश सरकार को लगातार पूरे देश में लगातार कृषि कर्मण्य पुरूस्कार से नबाजा जा चूका है भले ही इसका तनिक भी फायदा किसान भाइयो को नही मिल रहा है यह अलग बात है ?
ज्ञात हो कि इस समय मध्य प्रदेश सरकार पर 2 लाख 53 हजार करोड़ का कर्जा है और इतना सब कुछ होने के बावजूद भी सरकार के पास प्रदेश चलाने के लिए आर्थिक परेशानियां खड़ी है ! विकट परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया कि शराब बिक्री किस तरह बड़ाई जाय जिससे प्राप्त राजस्व एक माध्यम है जो आर्थिक परेशानियों से निपटारा दिलाने में सार्थक सिद्ध होगा !
सरकार की आय का एक बड़ा माध्यम पेट्रोलियम पदार्थ भी है परंतु देश में सबसे ज्यादा टेक्स्ट मध्य प्रदेश सरकार ही लेती है ! पेट्रोल डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर प्रदेश में हाहाकार की स्थिति है इसके चलते प्रदेश में महंगाई मुंह बाए खड़ी है और जिसका विरोध गाहे-बगाहे कांग्रेश उठाती आ रही है
बीजेपी के कुछ लोग ही प्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रहे हैं। दूसरी तरफ आबकारी विभाग की तरफ से प्रदेश में शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए अधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई थी । वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 12 अक्टूबर को अधिकारियों की मीटिंग होनी थी। ये पत्र वाणिज्यकर विभाग के उप सचिव आरपी श्रीवास्तव ने जारी किया है। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल है। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। व्ही शिवराज की अपनी ही पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री को खुली चुनौती भी है की प्रदेश की कमान उनके पास है वे जैसा चाहेंगे वैसा ही होगा किसी प्रकार का बहरी और पार्टी का अंदरूनी दखल वे कटाई बर्दाश्त नही करेंगे ! शिवराज के इस कदम को लेकर प्रदेश के भविष्य की कोख में कैसी राजनीती पैदा होती है इस बात का सभी को इंतजार है।