- मलवे के सैलाव से मजदूरों की झोपडिय़ां ध्वस्त
- जान बचाने को अफरा तफरी में काफी दूर तक बहे बच्चे
नारायणबगड़। बादल फटने से नारायणबगड़ के पंती कस्बे पर आपदा का कहर टूट पड़ा। मलवे के सैलाव के मजदूरों की पहाड़ियों पर आने से अफरा तफरी में बच्चे काफी दूर तक बह गए। हालांकि बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया। इस आपदा से लोग फिर दहशत में आ घिर गए हैं।
रविवार देर रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश सोमवार सुबह पंती कस्बे पर आफत बनकर टूटी। सोमवार सुबह 6.3 बजे पंती के ऊ पर जंगल में बादल फटने से मंगरी गाड गदेरा उफान पर आ गया। पानी के सैलाब में आया भारी मलबा कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे पर आने से हाईवे अवरुद्ध हो गया। मलबे की चपेट में आने से हाईवे पर खड़े दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। बताया जाता है कि मलबे का सैलाब हाईवे के किनारे बीआरओ के मजदूरों की बस्ती में घुसने से वहां अफरा तफरी मच गई। देखते ही देखते उनके आशियाने मलबे में दब गए। इस भगदड़ में मजदूरों के दो बच्चे हाईवे पर दूर तक बह गए। गनीमत रही कि स्थानीय लोगों ने बच्चों को सुरक्षित बचा लिया। कहा जा रहा है कि यदि रात्रि में बादल फटने की घटना होती तो जानमाल का काफी नुकसान हो जाता। बादल फटने की सूचना पर थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, ब्लाक प्रमुख यशपाल नेगी, उप जिलाधिकारी थराली सुधीर कुमार, तहसीलदार हरीशचंद्र पांडेय, पुलिस चौकी प्रभारी एसआई नवीन नेगी मयफोर्स मौके पर पहुंचे। तहसीलदार हरीश चंद्र पांडेय ने बताया कि मलबे के चपेट में आने से बीआरओ के 20 मजदूरों के आशियाने तबाह हो गए हैं और 100 मजदूर प्रभावित हुए हैं।
बताया कि बेघर हुए मजदूरों के रहने की व्यवस्था की जा रही है और उन्हें तत्काल राहत सहायता दिए जाने की कार्रवाई हो रही है। यूपीसीएल के अवर अभियंता जी एस रावत ने बताया कि मलबे के सैलाब में विद्युत सब स्टेशन पंती में रखे खराब 11 ट्रांसफार्मर तथा 60 के करीब विद्युत पोल बह गए हैं। दीनदयाल उपाध्याय योजना का 25 केवी का सबस्टेशन ध्वस्त हो गया है और 11 पोल बह गए हैं। कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे पर जमा हुए मलबे को बीआरओ ने साफ कर 5 घंटे बाद यातायात के लिए बहाल कर दिया। इस अतिवृष्टि से स्थानीय लोगों के मकानों व खेत खलिहानों को काफी क्षति पहुंची है। नारायणबगड़ में प्रकृति का कहर लगातार जारी है। सितंबर के पहले सप्ताह में आकाशीय विजली गिरने की घटना से लोग उबर भी नहीं पाए थे कि सोमवार सुबह पंती कस्बे के ऊपरी हिस्से में बादल फटने से हुई तबाही से लोग दहशत में आ घिर गए हैं। प्रकृति का यह तांडव लोगों के लिए मुश्किलों का सबब बन गया है। इस कारण लोग मौसम की जसा सी भी खराबी पर दहशत में आ जा रहे हैं।