चारधाम यात्रियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य
अन्य प्रदेश के तीर्थयात्रियों के लिए उत्तराखंड देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य हुआ वहीं स्थानीय लोगों के लिए पंजीकरण से छूट दी गयी है
- देवस्थानम बोर्ड दर्शन के लिए ई पास जारी करेगा , दर्शन के लिए सरकार ने ई पास को जरूरी किया
- कंप्लीट वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट तीर्थयात्रियों को साथ रखना होगा
- केरल,महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों डबल डोज सर्टिफिकेट के अलावा यात्रा तिथि से अधिकतम 72 घंटे पूर्व की आरटी पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही दर्शन के लिए ई पास जारी किया जाएगा
देहरादून । चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालु को कोविड -19 की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करना होगा। सरकार ने शनिवार से शुरू हो रही इस यात्रा में आने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए शुक्रवार को एस ओपी जारी कर दिया है। साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी तीर्थयात्रियों को इसका पालन करना होगा।
एसओपी के मुताबिक प्रदेश के बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को उत्तराखंड देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। वहीं उत्तराखंड के लोगों के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी नहीं किया गया है। इसके अलावा चारधाम मंदिर में दर्शन के लिए ई पास भी आवश्यक किया गया है। ई पास उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट द्वारा जारी किया जाएगा।
एसओपी के मुताबिक तीर्थयात्रियों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद का प्रमाण पत्र भी दिखाना जरूरी किया गया है। साथ ही सरकार ने उन तीर्थयात्रियों के लिए जिन्होंने एक डोज या फिर कोई डोज नहीं लगाई है उन्हें 7२ घंटे पहले की आरटी पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट वेबसाइट पर लोड करने के बाद ही दर्शन के लिए ई पास जारी किया जाएगा।
हां सरकार ने केरल,महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए थोड़ी सख्ती जरूर बरती है। इन राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के बाद भी यात्रा तिथि से अधिकतम 7२ घंटे पूर्व की आरटी पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही दर्शन के लिए ई पास जारी किया जाएगा।
सामाजिक दूरी अर्थात 6 फीट का पालन भी तीर्थयात्रियों के लिए सरकार ने जरूरी कर दिया है। देवस्थानम बोर्ड ने बद्रीनाथ धाम में 1000,केदारनाथ धाम में 800,गंगोत्री धाम -600 और यमुनोत्री धाम के लिए रोजाना 40 0तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित की है। इसके अलावा सफाई,कचरे का प्रबंधन ,चिकित्सा सुविधाएं दुरुस्त करने के आदेश स्थानीय जिलाधिकारियों को सौंपे गए हैं। यात्रा के दौरान राज्य आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूप और राज्य कोविड कंट्रोल रूम 24 घंटे खुले रखने के आदेश भी जारी किए हैं।
आवासीय सुविधाओपर रहेगी नजर
एसओपी के मुताबिक तीर्थयात्री होटल, धर्मशाला, आश्रम,होम स्टे,गेस्ट हाउस,पीजी तथा अन्य आवासीय स्थानों में अनावश्यक रूप से भीड़ नहीं करें। तीर्थयात्री अपने सामान को कक्ष में ले जाने के पहले सेनेटाइज जरूर करें। साथ ही तीर्थयात्रियों के लिए मास्क के साथ ग्लव्स पहनना भी अनिवार्य किया गया है।
फूड कोर्ट-रेस्टोरेंट को भी निर्देश
रेस्टोरेंट,ढाबा फूड कोर्ट में प्रवेश के पहले तीर्थयात्रियों को की बेसिक स्क्रीनिंग जरूरी है। मुख्य द्वार पर ही सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग भी की व्यवस्था होटल एवं ढाबा मालिकों को करना होगा।
निगरानी टीम
धामों में सभी व्यवस्थाओं को पूर्ण रूप से लागू कराने की जिम्मेदारी एसडीएम की होगी। एसओपी का सख्ती से पालन तीर्थयात्रियों को कराना होगा। एक यात्रा पंजीकरण प्रमाण पत्र पर 6 श्रद्धालु दर्शन के लिए पात्र होंगे। खास बात यह है कि मंदिर में प्रसाद,दान और भेंट की अनुमति नहीं दी गयी है। मूर्तियों को स्पर्श करना भी वर्जित रहेगा। यह सारी व्यवस्था सभी धामों में लागू की जाएगी।