पहले भी हो चुकी है हत्याएं 

रुडक़ी। आबादी क्षेत्र से बाहर बने धार्मिक स्थल असुरक्षित है। शायद यही कारण है कि नसीरपुर गांव में आबादी से बाहर मंदिर के सेवादार की हत्या की गई है। इससे पहले भी भगवानपुर व रुडक़ी लक्सर मार्ग पर आबादी से बाहर बने मंदिर परिसर में रहने वाले साधुओ की हत्याएं की जा चुकी है।
दस साल के दौरान रुडक़ी व आसपास के क्षेत्रों में आबादी से बाहर काफी धार्मिक स्थलों का निर्माण हुआ है। आबादी से बाहर बने धार्मिक स्थलों में रहने वाले कई साधु व सेवादारों की हत्या हो चुकी है। लक्सर रोड पर कई साल पहले मंदिर परिसर में दो साधुओं की हत्या कर दी गई थी। इसी तरह से भगवानपुर थाना क्षेत्र के बिनारसी गांव में घनी आबादी से दूर स्थित एक मंदिर में सेवादार की हत्या कर दी गई थी।
अब मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के नसीरपुर गांव में आबादी से बाहर बने एक मंदिर के सेवादार की हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि आबादी से बाहर बने धार्मिक स्थल किसी भी रुप से सुरक्षित नहीं है, और रात के समय आबादी से बाहर बने धार्मिक स्थलों पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।
पिरान कलियर, मंगलौर, रुडक़ी, लंढोरा, लक्सर, झबरेड़ा, नारसन क्षेत्र में आबादी से बाहर बने धार्मिक स्थलों पर शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का आवागमन हो जाता है। जिस तरह मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के नसीरपुर गांव में आबादी से थोड़ा दूर मंदिर परिसर में रहने वाले सेवादार सुखराम की हत्या करने की आशंका जताई जा रही है उससे साफ है कि इस वारदात को भी असामाजिक तत्वों द्वारा ही अंजाम दिया गया होगा। क्योंकि आबादी से बाहर धार्मिक स्थलों पर कोई भी सुरक्षा का इंतजाम नहीं है। जिसके चलते धार्मिक स्थलों में रहने वाले पुजारियों व सेवादारों की हत्याओं का सिलसिला लगातार जारी है।

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