चारधाम यात्रा: उत्साह के बीच सतर्कता से कतई समझौता नहीं

चारधाम यात्रा, समय कम है पर चुनौतियां कई ज्यादा

  • याद रखना होगा कि कोरोना के नए मामले आने बंद नहीं हुए, टेस्टिंग की रफ्तार सुस्त
देहरादून । जनस्वास्थ्य व पर्यावरण जैसे मुद्दों पर काम करने वाली संस्था सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी (एसडीसी) फाउंडेशन ने नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा कुछ शर्तों के साथ चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटाने का स्वागत किया है। चारधाम यात्रा आज शनिवार से शुरू होगी जो कि अगले डेढ़-दो माह तक चलेगी। चारधाम यानी बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट बंद होने की तिथि पांच से 19 नवम्बर के बीच है।
यात्रा के लिए समय कम है पर चुनौतियां कई ज्यादा। इतना जरूर कि इस समय जब यात्रा शुरू हो रही है तब राज्य में कोरोना संक्रमण के दैनिक मामले कम संख्या में आ रहे हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह कि लंबे समय बाद शुरू हो रही चारधाम यात्रा के उत्साह के बीच सतर्कता कम न हो।
एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक व स्वास्थ्य मामलों के जानकार अनूप नौटियाल कहते हैं सभी को याद रखना होगा कि कोरोना के नए मामले आने अभी बंद नहीं हुए हैं। पिछले 45 दिनों में राज्य में हर दिन नये कोविड मामलों की संख्या 2 से 5 के बीच रही है। नए पॉजिटिव मामलों की निरंतरता बताती है कि वायरस अब भी हमारे बीच मौजूद है। लिहाजा चारधाम यात्रा के दौरान अधिक सतर्कता बरते जाने की जरूरत है। प्रदेश में कम संख्या में हो रहे कोविड टेस्ट को लेकर भी उन्होंने चिंता जताई है। ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करके ही कोविड की सही जानकारी सामने आ सकती है। सरकार ने कुछ माह पहले रोजाना 4 हजार टेस्ट करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन पिछले 45 दिनों में हर रोज 16 से 2 हजार टेस्ट ही हो पा रहे हैं। यानी कि पूर्व में निर्धारित लक्ष्य की तुलना में पचास फीसद कम टेस्ट वर्तमान में हो रहे हैं।

तीन बड़ी चुनौतियां, वैक्सीनेशन से उम्मीदें

एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने चारधाम यात्रा के दौरान तीन बड़ी चुनौतियां गिनाई हैं। उनका कहना है कि सबसे बड़ी चुनौती आम लोगों द्वारा कोविड प्रोटोकॉल के पालन को लेकर है। हाल के दिनों यह बात साफ देखी जा रही है कि लोग कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। मास्क का प्रयोग व सोशल डिस्टेंसिंग आमतौर पर नजर नहीं आ रहा है या बहुत कम है। दूसरी बड़ी चुनौती हर अंतराल बाद हो रही राजनीतिक रैलियां भी हैं। अनूप नौटियाल का कहना है कि जैसे-जैसे चुनाव विधानसभा नजदीक आ रहे हैं, खुद राजनीतिक दलों के लोग एक-दूसरे से मिलजुल रहे हैं और सभाएं भी हो रही हैं। 
यानी जो कोविड नियमों का पालन करने के लिए जिम्मेदार हैं वे ही खुद इन नियमों को तोड$ रहे हैं। तीसरी चुनौती यह कि आने वाले दिनों में त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है। इस दौरान बाजारों, धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर उमड़ने वाली भीड़ कोरोना संक्रमण के लिहाज से खतरनाक साबित हो सकती है। इन तीन चुनौतियों के बीच एक बात संतोषजनक है कि राज्य में वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज है। राज्य में अब तक 6 लाख से अधिक लोगों को कोरोना रोधी टीका लग चुका है। इनमें से 25 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है। अब जरूरी है कि चारधाम यात्रा के दौरान टेस्टिंग बढ़ाने के साथ ही वैक्सीनेशन की निरंतरता भी बनाए रखी जाए। कोरोनाकाल में सहयोग व सतर्कता से ही यात्रा का सफल संचालन संभव हो सकेगा।

Leave a Reply