राजस्थान में धर्मांतरण की चपेट में आए नैनीताल के युवक की सहारनपुर में हुई ‘घर वापसी’
वर्ष 2010 में नौकरी के लिए राजस्थान जाने पर करवाया गया था जबरन धर्म परिवर्तन
नैनीताल । राजस्थान में धर्मांतरण कर अली हसन बनाए गए नैनीताल के तल्लीताल निवासी नितिन पंत नाम के युवक की बुधवार को ‘घर वापसी’ हो गई है। सहारनपुर यूपी में बुधवार को हिंदू धर्म के पुरोहितों ने बजरंग दल के निपुण भारद्वाज के प्रयासों से माथे पर चंदन व तिलक लगाकर उनका ‘शुद्धीकरण’ किया गया। इसके अलावा स्थानीय हिंदूवादी संगठनों के लोग नितिन को लेकर सहारनपुर जनपद के एसएसपी से मिले और उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
नितिन पंत ने बताया कि उसके पिता देवेंद्र प्रसाद पंत का निधन हो चुका है। उनकी तल्लीताल बाजार में 188/2 पते पर कैलाश आर्युेवैदिक फार्मेसी नाम से दुकान थी। उसके चाचा-ताऊ के बेटे यहां रहते हैं। जबकि उसके अपने बड़े भाई शैलेंद्र पंत अहमदाबाद में व छोटे भानु पंत जिंदल सिंथेटिक पानीपत में हैं। उनकी मां व बहन पूजा पांडे नैनीताल के सुयालबाड़ी स्थित नवोदय विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत दामाद के साथ रहते हैं। उसने बताया कि वह वर्ष 2010 में नौकरी की तलाश में राजस्थान के अलवर जिले के भिवाड़ी गया था। वहां उसे नौकरी तो नहीं पर मुस्लिम समाज के युवक मिले। वे उसे राजस्थान के मेवात के गांव पंचगावा ले गए। यहां पर कुछ मौलवियों ने पिस्टल दिखाकर उसका जबरन धर्मांतरण कराया, और उसका नाम बदलकर अली हसन रख दिया गया। इसके बाद उसे एक बंद कमरे में कई दिन तक भूखा रखा गया। उसे नौकरी, मकान व रुपए देने का लालच भी दिया गया था। उससे कहा गया कि उसके धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनने के कारण कोई मुस्लिम लडक़ी उससे निकाह नहीं करेगी, साथ ही हिंदू लडक़ी भी सहज रूप में उससे शादी नहीं करेगी। इसलिए वह हिंदू लड़कियों को बहकाकर मुस्लिम बनाने का काम करे। इसके लिए उसे रुपए भी मिलेंगे।
उसे विरोध करने पर बिजली का करंट दिया जाता था। बाद में उसे पहले मुजफ्फरनगर के एक मदरसे में और बाद में सहारनपुर के एक मदरसे में भेज दिया गया। किसी तरह से वह यहां से भागकर हिंदू संगठन के लोगों के पास पहुंचा तो एसपी सिटी को तहरीर दी। उसने शीघ्र उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की बात कह उनका पुनर्वास किए जाने की मांग भी की है। इधर तल्लीताल थाना प्रभारी विजय मेहता ने भी उसकी पहचान होने की बात कही।