देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने पलायन को लेकर की जाने वाली बड़ी-बड़ी बातों को लेकर सरकार को कोसा है। लोग पलायन रोकने की बात करते हैं, लोग बड़े-बड़े दावे भी करते हैं और दूसरी तरफ उत्तराखंड के सीमांत अंचल में चाहे वो रिऋ निदेशालय रहा हो, चाहे वो बागवानी निदेशालय रहा हो, उनका जिस प्रकार से अवमूल्यन हुआ है वो हमारे पलायन से लड़ने के इरादे पर गंभीर संदेह प्रकट करता है।
रानीखेत के ऐतिहासिक उद्यान निदेशालय का सतत अवमूल्यन इसका ज्वलंत प्रमाण है। हमने रुएप्पलऋमिशन, एप्रीकट मिशन, चूलू सबमिशन और कीवी मिशन लॉन्च किये और एप्पल मिशन के लिए हमने जहां छोटी प्रजाति के और जल्दी फल देने वाले पौधे मिलते हैं, यूरोप और जापान दोनों स्थानों से हमने पौधे आयातित भी किये और ऐसे उद्योगपतियों को जो अपना रुमडलऋएप्पलऋअर्चेड बनाएंगे उन्हें 12 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता मंजूर की, न केवल सहायता को डायलूट कर दिया गया बल्कि एप्पल मिशन का कार्यालय रानीखेत ऐतिहासिक चौबटिया गार्डन जो विशेषत: सुंदर फलों के लिए कभी विश्व प्रसिद्ध था, वहां से देहरादून में खोल दिया गया है और मैं निरंतर इस बात को उठा रहा हूं लेकिन सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही है।