नई दिल्ली : ब्रिटेन की अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया है। बावजूद इसके नीरव मोदी पैंतरेबाजी से नहीं हिचक रहे हैं। ब्रिटेन के गृह मंत्री के प्रत्यर्पण को हरी झंडी मिलने के बाद नीरव मोदी ने भारत आने से बचने की कोशिशें जारी रखी हैं। इसी के तहत उन्होंने ब्रिटिश हाईकोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दायर की है।
भारत आने से बचने के लिए उन्होंने याचिका में कई दलीलें दी हैं, जिसे साबित करना प्राप्त जानकारी के अनुसार नीरव मोदी ने बुधवार को ब्रिटेन के हाईकोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील के लिए अपना प्रारंभिक आधार दायर किया है। इसमें उसने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा भारत में अपने प्रत्यर्पण और 15 अप्रैल को ब्रिटेन के गृह सचिव प्रभा पटेल की मंजूरी को चुनौती दी है।
नीरव मोदी की कानूनी टीम के अनुसार, अपील को सिद्ध करने के लिए आधार तैयार किए जा रहे हैं और जल्द ही दायर किए जाएंगे। फिलहाल ये अपील के प्रारंभिक आधार हैं। नीरव मोदी की याचिका में भारत में उचित मुक़दमा नहीं चलने और राजनीतिक कारणों से उन्हें निशाना बनाने की चिंता जाहिर की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत में जेलों की स्थिति खराब है और उसके खिलाफ सबूत कमजोर हैं।उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा।