पूर्वी लद्दाख और सियाचिन के दौरे पर नरवणे, सुरक्षा हालातों का लिया जायजा

नई दिल्ली : थलसेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख का दौरा किया। वे सियाचिन भी गए और इस पूरे सेक्टर में सुरक्षा हालातों का जायज़ा लिया। जनरल नरवणे ने इस इलाके में तैनात सेना के जवानों से मुलाक़ात की और इस कठोर परिस्थितियों में सीमाओं की रक्षा में तैनात जवानों का हौसला बढ़ाया।

सेना के 14 कोर कमांडर ने सेना प्रमुख को सुरक्षा हालातो और सेना की तैयारीयो के बारे में जानकारी दी। सेना प्रमुख ने कहा कि हमने एक इंच जमीन नहीं खोई गई है और न भविष्य में खोएंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में हाल ही में कुछ आतंकी घटनाएं हुई है।

अभी भी घाटी में युवा आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं। हालांकि आतंकी घटनाओं में काफी सुधार हुआ है। हमारा प्रयास युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकना है। वहीं हाल ही में चीन ने कहा था कि वो पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रग्सिं, गोगरा और देपसांग के संघर्ष वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे नहीं हटाएगा। उन्होंने यहां परिचालन की स्थिति की समीक्षा की। आर्मी चीफ ने यहां सैनिकों के साथ बातचीत की और उनके साहस की सराहना की।

आर्मी चीफ ने कहा कि लद्दाख जैसी विषम परिस्थितियों में अपने कर्तव्य का पालन करना बहादुरी का काम है.उल्लेखनीय है कि रणनीतिक लिहाज से यह इलाका बेहद महत्वपूर्ण है।जनरल नरवणे 28 अप्रैल को वापस दिल्ली लौटेंगे। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीन की सेनाओं में पिछले काफी दिनों से विवाद चल रहा है।

कई दौर की सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ता के परिणामस्वरूप एक समझौते के तहत भारत और चीन ने फरवरी में पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिकों तथा हथियार प्रणाली को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। दोनों पक्ष अब क्षेत्र में टकराव वाले स्थानों से भी सैनिकों एवं सैन्य साजोसामान को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर बातचीत कर रहे हैं।

अप्रैल को दूसरे हफ्ते में भारत और चीनी की सेना के बीच 11वें चरण की वार्ता हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने, किसी नयी घटना को नहीं होने देने और लंबित समस्याओं के त्वरित समाधान पर सहमति जताई थी।

 

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