- छह और सात फरवरी को ली गई हैं ऋषिगंगा घाटी की दो अलग—अलग तस्वीरें
- तस्वीरों में ग्लेशियर टूटने जैसा कोई स्पॉट नहीं, 14 वर्ग किमी एवलांच जोन
देहरादून: चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी (तपोवन से आगे) में गत दिवस सुबह को अचानक आई बाढ़,सैलाब के कारण यानी रहस्य से काफी हद तक पर्दा हट गया है। इसरो ने भी सोमवार को इसकी सेटेलाइट इमेज जारी की है। जिसके आधार पर कहा जा रहा है कि सैलाब का कारण ग्लेशियर टूटना नहीं बल्कि एवलांच (हिमस्खलन) रहा है।इसरो द्वारा ऋषिगंगा घाटी में छह व सात फरवरी को ली गई दो सेटेलाइट इमेज जारी की है। छह तारीख को ली गई इमेज में साफ दिख रहा है कि संबंधित क्षेत्र में पिछलो दिन हुई बर्फबारी की मोटी परत जमी हुई है, जबकि सात तारीख को ली गई इमेज में दिख रहा है कि एवलांच के कारण इस क्षेत्र में बर्फ की मोटी परत आगे खिसक गई है, जो अगले कुछ मिनटों में सैलाब बनकर आगे बढ़ा और घाटी में भारी तबाही मचाई।
दरअसल, इस प्राकृतिक घटना के कारण की पड़ताल के लिए सरकार बीते दिन से ही मशक्कत में जुटी थी। इसके लिए सरकार ने इसरो से भी सहयोग मांगा। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने भी इस संर्दभ में इसरो को अंतरराष्ट्रीय चार्टर लागू करने को कहा था। ताकि अन्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों से भी सहयोग लिया जा सके। बताया जा रहा है कि अमेरिकन प्राइवेट सेटेलाइट कंपनी ने इस घटना की कुछ तस्वीरें साझा की हैं। बताया जा रहा है कि सैन फ्रांसिस्को कैलिफोर्निया स्थित अर्थ इमेज कंपनी प्लेनेट लैब का एक सेटेलाइट प्रभावित क्षेत्र के उपर से गुजर रहा था जिसने यह तस्वीरें कैद की हैं। इन सेटेलाइट इमेज में साफ दिख रहा है कि ऋषिगंगा नदी के उद्गम स्थल व आसपास के क्षेत्र बर्फ की सफेद चादर से लकद्क हैं। लेकिन सात फरवरी की सुबह को ताजी बर्फ गिरे वाले क्षेत्र में फ्लैश फ्लड के कारण एक हिस्सा (14 स्क्वायर किमी) एवलांच जोन बन गया। विशेषज्ञों के मुताबिक बहुत कम समय में लगभग दो से तीन मिलीयन क्यूबिक पानी अपने साथ मलबा लाकर सैलाब बन आगे बढ़ा है।