- क्षेत्रीय विधायक के साथ शासन के उच्चाधिकारियों से की समस्याओं पर चर्चा
- सितारगंज चीनी मिल को पीपीपी के तहत संचालित करने सम्बंधी प्रक्रिया में तेजी लाने के दिये निर्देश
- सितारगंज की कैलाश नदी क्षेत्र में खनन पट्टों की स्वीकृति हेतु सिडकुल को दिये एनओसी जारी करने के निर्देश
देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सितारगंज चीनी मिल को पीपीपी के तहत संचालित करने संबंधी प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश एमडी शूगर फेडरेशन को दिये हैं। इसके साथ ही सितारगंज के कैलाश नदी क्षेत्र में खनन पट्टों की स्वीकृति हेतु एन.ओ.सी निर्गत करने के लिये एम.डी सिडकुल को भी उन्होंने निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के समाधान के भी निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।
गुरूवार को सचिवालय में सितारगंज क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के समाधान के सम्बन्ध में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने क्षेत्रीय समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितारगंज चीनी मिल को दीर्घ कालिक लीज पर दिये जाने तथा विनिवेशक को मिल परिसर में अनुपूरक इकाइयों की स्थापना आदि के सम्बन्ध में पूर्व में सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। उन्होंने मिल को दीर्घ कालिक लीज पर दिये जाने के साथ पीपीपी की संभावनाओं पर यथा शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिये समय सीमा भी तय करने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में उन राज्यों की चीनी मिलों का भी अध्ययन किया जाय, जहाँ इस प्रकार की प्रक्रिया सफल रही हो। उन्होंने मिल बन्द होने से क्षेत्रीय गन्ना किसानों को गन्ना बिक्री में कोई कठिनाई न हो इसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
इस सम्बन्ध में प्रबन्ध निदेशक शूगर फेडरेशन श्री चंदेश यादव ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि चीनी मिल की विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट एवं आरएफपी तैयार करने हेतु नेशनल शूगर इंस्टिट्यूट कानपुर को कार्यदायी संस्था नामित किया गया था। उनके द्वारा आरएफपी तैयार कर उपलब्ध करा दी गई है जिसे नियोजन विभाग के परामर्श से प्री फिजिविलिटी रिपोर्ट तैयार करने हेतु निर्धारित शुल्क के साथ नेशनल शूगर इंस्टिट्यूट कानपुर को भेजा गया है। उनके द्वारा 30 नवम्बर तक रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। रिपोर्ट प्राप्त होते ही इस सम्बन्ध में निर्देशानुसार कार्यवाही कर दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने सितारगंज की कैलाश नदी के खनन पट्टों की स्वीकृति हेतु एमडी सिडकुल को निर्देश देते हुए कहा कि नदियों की रीवर ट्रेडिंग से नदियों में एकत्र सामग्री की सफाई भी होती है। इससे सतह ऊंची होने से बरसात में नदी के बहाव से नदी क्षेत्रों को होने वाले नुकसान को भी नियंत्रित किया जा सकता है।