दुनिया मे सबसे स्थिर मन था दादी जानकी का!
डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट
रचता ने जब रचना का जिम्मा
स्वयं के कंधों पर उठा लिया
लेखराज को ब्रह्माबाबा बना
युग परिवर्तन रथ चला दिया
इसी यज्ञ में आहुति देने को
जानकी कन्या ने जन्म लिया
सन उन्नीस सौ सोलह के साल में
एक जनवरी को अवतरण लिया
ओम मंडली से जुड़कर जानकी
परमात्मा की याद में खो गई
जीवन…
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