बातें हिंदी की, मुहब्बत अंग्रेजी से!
डा सुशील उपाध्याय
सवाल अंग्रेजी या किसी भाषा के विरोध का नहीं है, बल्कि सरकारों की विरोधाभासी नीतियों का है। हाल के दिनों में अंग्रेजी के संदर्भ में दो मामलों ने सरकारों और नीति निर्धारकों के विरोधाभास को उजागर किया। पहला मामला, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अंग्रेजी को शंघाई सहयोग संगठन…
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