संभल मस्जिद, अजमेर दरगाह : आखिर हम कितने पीछे जाएंगे?
राम पुनियानी
सन 1980 के दशक में देश में शांति-व्यवस्था और प्रगति पर गम्भीर हमले हुए। साम्प्रदायिक ताकतों के हाथ एक नया औज़ार लग गया। वे देश के पूजास्थलों के कथित अतीत का उपयोग साम्प्रदायिकता भड़काने के लिए करने लगे। लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा निकाली। उनकी मुख्य मांग यह थी कि जिस स्थल पर पिछले…
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