लो बाजार में आ गया राजनाथ आम!
डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट
भले खास न हो पर आम है वह
फलों का राजा सरेआम है वह
दशहरी,लंगड़ा चौसा,कही देशी
मलीहाबादी कही लंगड़ा परदेशी
चूसकर खाने का मज़ा निराला
शहद सा मीठा खट्टा मतवाला
कही डाल का, कही पाल का
कही पेटियों में सजता है राजा
अमीर-गरीब हर कोई खाता
बजट में आम सबके आ जाता
सौगात…
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