मुंशी प्रेमचंद को आत्मसात किया था कमल किशोर गोयनका ने!
डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट
हिंदी शब्दो से खेलते हुए मुंशी प्रेमचंद के लगभग हर पक्ष को अपने शोधपत्र के माध्यम से जगजाहिर करने वाले डॉ॰ कमल किशोर गोयनका अब हमारे बीच नही है,उन्होंने ने हाल ही में इस दुनिया से विदाई ली है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के 40 वर्षो तक प्राध्यापक रहे कमल…
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