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Attraction towards

विपक्षी दलों में ‘नरम हिंदुत्व’ के प्रति आकर्षण

आलेख : सुभाष गाताडे, अनुवाद : संजय पराते) राजनीति एक अजीब दास्तान है। यह अविश्वसनीय लगता है कि कैसे कभी-कभी यह शैतानों को संतों में बदल देती है और असहाय समुदायों के सबसे बड़े हत्यारे 'अपने लोगों' के रक्षक या 'दिल की धड़कन' के रूप में उभर आते हैं। शायद यह इस विचित्रता का संकेत है कि…
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