पांडव सेरा में आज भी उगती है धान की फसल
ऊखीमठ। मदमहेश्वर-पांडव सेरा-नन्दीकुंड 25 किमी पैदल मार्ग के भूभाग को प्र.ति ने अपने दिलकश नजारों से सजाया है। इस भूभाग से प्र.ति को अति निकट से देखा जा सकता है।
पांडव सेरा में आज भी पांडवों के अ श पूजे जाते हैं, जबकि द्वापर युग में पांडवों की ओर से रोपित धान की फसल आज भी अपने आप उगती है तथा धान…
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