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ताजा संस्करण

सियासत: बदलती निष्ठाओं से आहत पार्टियां

विचारधारा से ज्यादा सत्ता सुख का मोह लुभा रहा नेताओं को डॉ. संजीव मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। दल-बदल से लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। चुनाव आयोग की सख्ती से बड़ी जनसभाओं और गली-गली लाउडस्पीकर का शोर तो नहीं सुनाई दे रहा…
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मिशन-2022 : प्रियंका ने खोला वादों का पिटारा

घोषणा पत्र में पांच लाख परिवारों को सालाना 40 हजार रुपए देने का बड़ा ऐलान देहरादून। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में पांच लाख परिवारों को सालाना 40 हजार रुपए देने का बड़ा ऐलान किया है। साथ ही, पार्टी ने चार लाख युवाओं रोजगार देने का वादा भी किया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तराखंडी…
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आज़ादी के 7 दशक बाद भी नहीं पहुंची इस गांव में बिजली

मीनाक्षी देहरादून । जहां एक तरफ उत्तराखंड में मतदान की तारीख करीब है और हर राजनितिक दल विकास की गंगा बहाने के दावे कर रही है। वहीं देवभूमि की जनता को लुभाने के लिए सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने बिजली मुफ्त का नारा दिया। फिर क्या था, भाजपा और कांग्रेस ने भी देखा-देखी में मुफ्त बिजली पर कर…
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आपकी किडनी कब हो रही हैं फेल, यूरिन देने लगता है संकेत

डायबिटीज(Diabetes) का सबसे बड़ा कारण तनाव ही माना जाता है और डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो धीमी मौत कहीं जाती है, क्योंकि अंततः यह किडनी को प्रभावित कर उसे फेल कर देती है और वैसी स्थिति में मरीज का बचना असंभव सा हो जाता है। मरीज का यूरिन यह पहले ही संकेत देने लगता है की किडनी कितना काम कर रही है और…
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उत्तरकाशी में मानकों को ताक पर रख घर में चल रहा बीएड कॉलेज

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति पर लग रहे गंभीर आरोप सवालों के घेरे में विश्वविद्यालय द्वारा गठित मान्यता कमेठी बिना शिक्षकों के प्रति वर्ष 100 छात्रों को बांटी जा रही बीएड की डिग्रियां देहरादून। उत्तरकाशी में वर्षों से संचालित एक बी.एड. कॉलेज का फर्जीवाड़ा सामने आया है। महज घर के…
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महामारी में चुनाव बड़ी चुनौती

यूं भी लोकतंत्र में अंतिम फैसला मतदाता को ही करना होता है। भारत में लोकतंत्र की जड़ें काफी मजबूत और गहरी है। मतदाता भी तमाम पार्टियों के बिजली-पानी समेत विभिन्न वस्तुएं मुफ्त बांटने के वादों और विकास के दावों को गंभीरता से समझ रहा है... धर्मपाल धनखड़ भारतीय निर्वाचन आयोग के पांच राज्यों…
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पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव : चुनावी शोर में दबे मुद्दे

रणविजय विधानसभा के चुनाव पांच राज्यों में होने हैं। चुनावी राज्यों में चुनावी शोर है, पर आम जनता की समस्याएं हाशिए पर हैं। चुनावी राज्यों में समस्याएं तो काफी विकराल रूप धारण किए हुए हैं। पर चुनावी बिगुल बज जाने जनता की आवाज दब गई है। बात उत्तराखंड की करूं, तो लग रहा है कि पिछले पांच सालों में…
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मजे आचार संहिता के!

अब तो प्रचंड सरकार है। वही सरकार हुजूर है। वही संविधान है। क्योंकि ये चुनी हुई सरकार है। ये जुमला इस दौर में कुछ ऐसे उछाला जाता है, मानो पहले की सरकारें आसमान से टपक पड़ती थी। वे चुनी हुई नहीं होती थी? ये प्रहसन खुलेआम होता है। बार-बार दोहराया जाता है। हम मीडिया के बाबू! उफ् तक नहीं करते। जैसे…
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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: केदारनाथ सीट पर वोटरों का मिजाज रहा रोचक

केदारनाथ सीट का चुनाव हमेशा से ही रोचक रहा है। साथ ही यहां के वोटरों का मिजाज भी काफी रोचक रहा है। हर बार नया सीमांकन होने पर इसका नाम तो बदलता रहा, मगर मिजाज नहीं बदला। वर्ष 1951 में उत्तर प्रदेश के पहले आम चुनाव से लेकर 1974 के आम चुनाव तक यह सीट कभी गंगाधर मैठाणी के पास रही, तो कभी नरेन्द्र सिंह…
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विधानसभा चुनाव-2022ः भाजपा का मिशन यूपी

पांच राज्यों में से सर्वाधिक सियासी दांवपेंच यूपी में यूपी फतह करने से लोकसभा चुनाव की राह होगी आसान प्रमोद झा, नई दिल्ली।  विकास के बल पर उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज रहने का दंभ भर रही डबल इंजन सरकार का आत्म-विश्वास शायद डगमगाने लगा है। क्योंकि देश के पांच राज्यों में होने जा…
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