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आलेख

‘व्हाट्सएप हिस्ट्री’ : अकादमिक कठोरता या राजनीतिक एजेंडा?

 राम पुनियानी हिंदू राष्ट्रवाद के प्रचार और गलत धारणाओं को फैलाने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल मौजूदा तंत्र के अतिरिक्त प्रचार के रूप में किया जा रहा है, जिसका मुक़ाबला करने की ज़रूरत है। वर्तमान में व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी, जैसा कि इसे लोकप्रिय नाम दिया गया है, लोकप्रिय धारणाओं को आकार देने के…
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महाराष्ट्र : मोदी का खाली तरकश

आलेख : राजेंद्र शर्मा महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के बीचों-बीच, भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति की सबसे बड़ी दरार खुलकर सामने आ गयी है। एनसीपी के अजित पवार गुट ने, गठजोड़ की अपनी सबसे बड़ी सहयोगी, भाजपा के शीर्ष स्टॉर प्रचारक, योगी आदित्यनाथ के इस राज्य में चुनाव प्रचार में 'कटेंगे तो बटेंगे' जैसे…
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अभी राहुल को मीलों चलना है…!

के. विक्रम राव केंद्रीय गृह मंत्रालय की छानबीन से पता चला कि राहुल गांधी अपनी सभाओं में भारतीय संविधान की फर्जी प्रति दिखाते हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने (09 नवंबर 2024) इस बात को झारखंड की छतरपुर विधानसभा सीट पर चुनावी सभा में उजागर भी किया। शाह ने कहा, ''राहुल गांधी जनसभाओं में संविधान के नाम पर…
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दक्षेस की चुनौतियां और भारत की भूमिका

डा. सत्यवान सौरभ दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस/सार्क) के संस्थापक सदस्य के रूप में भारत ने क्षेत्रीय सहयोग के लिए लगातार पहल की है। हालांकि, भारत के प्रयासों के बावजूद, संगठन अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में इसकी…
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झारखंड : हिंदू-मुस्लिम खेल शुरू!

आलेख : राजेन्द्र शर्मा "येआपकी रोटी भी छीन रहे हैं। ये आपकी बेटी भी छीन रहे हैं। ये आपकी माटी को भी हड़प कर रहे हैं।'' ठीक इन्हीं शब्दों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के चुनाव प्रचार में धमाकेदार एंट्री ली है। जाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी इसमें किसी भ्रम या गलतफहमी की गुंजाइश नहीं छोड़ते…
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सड़क हादसे के गम में सादगी से मन रहा है उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस!

डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट हाल ही में अल्मोड़ा जिले में बस चालक के अवसाद के कारण बस के अनियंत्रित होकर खाई में गिरने से हुई 36 मौतों के गम में उत्तराखंड अपना स्थापना दिवस सादगी की के साथ मना रहा है।लेकिन सवाल यह उठता है कि आए दिन ये हादसे क्यो हो रहे है?कभी भूस्खलन से तबाही,कभी जंगलों में आग के…
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बेज़ुबानों की आवाज़ कौन?

तेजस्विनी गुलाटी (मनोवैज्ञानिक) उदारता और करुणा के कार्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर वर्ष 13 नवंबर को वर्ल्ड काइंडनेस डे मनाया जाता है। दया इंसान के स्वभाव का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी के चलते वह दूसरों की तकलीफ और परेशानियों को समझता है और अपनी ओर से उन्हें कम करने के प्रयत्न करता…
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और सब बढ़िया…..!

अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार) सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर ही जीवन की गाड़ी चलती है। जीवन में जितना सुख आता है उतना ही दुःख भी आता है। फिर भी हम सुख का स्वागत तो खुले दिल से करते हैं लेकिन दुःख का नहीं....। जबकि हम भी जानते हैं कि जीवन में अगर सुख है तो…
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मीडिया और सिनेमा का सांस्कृतिक आक्रमण

डॉ रवि शरण दीक्षित लगभग पिछले 100 वर्षों में मीडिया और सिनेमा हमारी सामाजिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है lये हमें मनोरंजन प्रदान करते हैं, हमें जानकारी देते हैं, और हमारे विचारों को आकार देते हैं। लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव समाज पर अब दिखने लगा हैl मीडिया और सिनेमा का सांस्कृतिक…
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देश की एकता पर लपकते और शिखा से पादुका तक पैने होते नाखून

बादल सरोज जाति जनगणना के सवाल पर मनु-जायों का कुनबा बिल्लयाया हुआ है। न उगलते बन रहा है, न निगलते!! हजार मुंह से हजार तरीके की बातें करके ‘चित्त भी मेरी पट्ट भी मेरी’ की सारी कोशिशों के बाद भी 'अंटा मेरे बाप का' कहने का दावा करने का आत्मविश्वास नहीं जुट पा रहा है। घूम फिरकर एक ही तोड़ --…
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