देहरादून
विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शनिवार से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। सुबह आठ बजे पर्यटकों को घाटी के लिए भेजना शुरू कर दिया जाएगा। फूलों की घाटी हर साल एक जून को पर्यटकों के लिए खोल दी जाती है। घाटी में पर्यटकों को भेजने के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ बीबी मार्तोलिया भी यात्रा के मुख्य पड़ाव घांघरिया पहुंच गए हैं। यहां से फूलों की घाटी के लिए तीन किमी का ट्रैक है। डीएफओ ने बताया, घाटी में जाने वाले ट्रैक को सुधार दिया गया है।
घाटी में कई प्रजाति के फूल भी खिलने लग गए हैं। घांघरिया से शनिवार सुबह आठ बजे से पर्यटकों के पहले दल को भेजा जाएगा। पिछले साल घाटी में 13,161 पर्यटक पहुंचे थे। इस साल चारधाम यात्रा को देखते हुए पार्क प्रशासन को उम्मीद है कि पर्यटक यहां भी बड़ी संख्या में पहुंचेंगे।
दोपहर 12 बजे तक जाएंगे पर्यटक
फूलों की घाटी उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। यहां पर रात्रि विश्राम की व्यवस्था नहीं है। पर्यटकों को उसी दिन वापस घांघरिया लौटना होता है। घांघरिया से पर्यटकों को घाटी में सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक भेजा जाता है। शाम पांच बजे तक उन्हें वापस आना होता है। भारत के निवासियों के लिए 200 रुपये प्रति व्यक्ति और विदेशी पर्यटकों के लिए 800 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क निर्धारित किया गया है।
विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शनिवार से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। सुबह आठ बजे पर्यटकों को घाटी के लिए भेजना शुरू कर दिया जाएगा। फूलों की घाटी हर साल एक जून को पर्यटकों के लिए खोल दी जाती है। घाटी में पर्यटकों को भेजने के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ बीबी मार्तोलिया भी यात्रा के मुख्य पड़ाव घांघरिया पहुंच गए हैं। यहां से फूलों की घाटी के लिए तीन किमी का ट्रैक है। डीएफओ ने बताया, घाटी में जाने वाले ट्रैक को सुधार दिया गया है।घाटी में कई प्रजाति के फूल भी खिलने लग गए हैं। घांघरिया से शनिवार सुबह आठ बजे से पर्यटकों के पहले दल को भेजा जाएगा। पिछले साल घाटी में 13,161 पर्यटक पहुंचे थे। इस साल चारधाम यात्रा को देखते हुए पार्क प्रशासन को उम्मीद है कि पर्यटक यहां भी बड़ी संख्या में पहुंचेंगे।
दोपहर 12 बजे तक जाएंगे पर्यटक
फूलों की घाटी उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। यहां पर रात्रि विश्राम की व्यवस्था नहीं है। पर्यटकों को उसी दिन वापस घांघरिया लौटना होता है। घांघरिया से पर्यटकों को घाटी में सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक भेजा जाता है। शाम पांच बजे तक उन्हें वापस आना होता है। भारत के निवासियों के लिए 200 रुपये प्रति व्यक्ति और विदेशी पर्यटकों के लिए 800 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क निर्धारित किया गया है