मुख्यमंत्री की ये कैसी समिट जो 375 उद्योग बंद हो गए : हरीश रावत

रुड़की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat ) ने खराब मौसम के चलते आज की अपनी प्रस्तावित नारसन से रुड़की तक  की किसान सम्मान ट्रैक्टर यात्रा को स्थगित कर उक्त यात्रा को अब 19 अक्टूबर को इसी मार्ग से निकालने का निर्णय लिया है।
 उन्होंने कहा कि अगर सरकार (Government ) ने उनकी नही सुनी तो सुनवाई होने तक वे लक्सर,भगवानपुर,श्यामपुर कांगड़ी व डोईवाला क्षेत्रों में निरंतर यह यात्रा निकालते रहेंगे। एक पत्रकार के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) हर रोज नई नई ड्रेसों के लिए जाने जाते है ,उसी रास्ते पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) भी चलकर उनके असली शिष्य होने का धर्म निभा रहे है।हरीश रावत ने कहा कि देश-दुनिया मे उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य है ,जहां सड़को में गड्ढे के लिए एप जारी किया गया लेकिन एप के माध्यम से जो गढ्ढे सरकार की जानकारी में लाए गए उन्हें भी आज तक नही भरा गया।
उन्होंने रुड़की सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में कुत्तों के काटने तक का इंजेक्शन न मिलने पर अफसोस जाहीर किया और कहा कि हाल ही में पंजाब के एक अग्निवीर ( Agniveer )ने कश्मीर में शहादत दी है,लेकिन सरकार द्वारा उन्हें पूर्ण सैन्य सम्मान न देने की कांग्रेस (Congress )की आशंका सही साबित हुई है। उन्होंने किसानों के गन्ना मूल्य बकाया 100 करोड़ रुपये का भुगतान  न होने से पर सरकार के प्रति नाराज़गी प्रकट की। 
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि विपक्ष की आवाज को अनसुना कर उत्तराखंड सरकार अपने अहंकार का सबूत पेश कर रही है,लेकिन सब जानते है कि अहंकार रावण का भी नही रह पाया था। उन्होंने गन्ने का खरीद मूल्य घोषित करने और उसे कम से कम सवा चार सौ रुपए क्विंटल घोषित करने की मांग की।
उन्होंने बताया कि 19 अक्टूबर को नारसन में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर इस ट्रैक्टर यात्रा की शुरुआत की जाएगी।इस अवसर पर पूर्व प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गोपाल नारसन,आदित्य राणा, यासिर अराफात, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह, ठाकुर वीरेंद्र सिंह, हंस राज सचदेवा ,सुधीर शांडिल्य, बेबी खन्ना, डॉ राकेश गौड़ , आशीष सैनी,जसवीर सिंह आदि मौजूद रहे।

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