अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में भारतीय वन अधिकारियों ने आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति को जाना

नयी दिल्ली । अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में इंदिरा गांधी नेशनल फॉरेस्ट एकेडमी के तत्वाधान में विभिन्न बैचों के लगभग 50 भारतीय वन सेवा के अधिकारियो ने दौरा किया । ये दौरा उनके करियर प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा था ।

इस अवसर पर अधिकारीयों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे आयुष मंत्रालय के विशेष सचिव श्री प्रमोद कुमार पाठक, संस्थान की निदेशक प्रो (डॉ) तनूजा नेसरी, एन एम् पी बी के उप कार्यकारी डा चंद्रशेकर सनवाल, आई जी एन एफ के श्री कालूँगा गोरख वमन, अखिल भारतीय आयुर्वेद संसथान के डीन प्रो आनंद मोरे समेत बड़ी संस्थान के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे। डॉ राजगोपाला, डॉ गालिब, डॉ प्रमोद और अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्यों ने अस्पताल में दौरे की सुविधा प्रदान की।

आयुष मंत्रालय के विशेष सचिव श्री प्रमोद कुमार पाठक ने अपने सम्बोधन में कहा आयुर्वेद का उपचारात्मक मूल्य है और सरल जीवन शैली प्रबंधन के साथ सभी के लिए उपयोगी है।आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय साथ मिलकर लोगो के समग्र स्वास्थ्य के लिए काम कर रहा है, संभव है जल्द ही सभी नए एम्स में इंटीग्रेटेड हेल्थ सिस्टम यानी एकीकृत समग्र स्वास्थ्य की ओपीडी देखने को मिलेगी । इसके साथ ही इसके व्यवसायक पहलू पर बल देते हुए कहा कि साल 2014-15 में जहाँ आयुर्वेदिक औषधियों का वैश्विक बाजार मात्र तीन अरब डालर का था जो मात्र कुछवर्षो में यानी साल 2021में 18 अरब डालर का हो गया उन्होंने उम्मीद जताई जिस तरह से आयुर्वेद का बाज़ार बढ़ रहा है हम जल्द ही 25 अरब डालर के लक्ष्य को पूरा कर लेंगे ।

इस अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रो (डा) तनूजा नेसरी ने वन अधिकारियो को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि औषधियों के लिए अच्छी गुणवत्ता का कच्चा माल 80 प्रतिशत इन जंगलों से आता है जिसमे औषधीय पेड़ पौधों की संरक्षण में इन अधिकारियो की बड़ी भूमिका है ।इसके साथ ही उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्वेद संसथान के महत्वता और इसकी उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। ज्ञात हो की प्रो तनूजा नेसरी नेशनल मेडिसनल प्लांट बोर्ड की भी मुख्य कार्यकारी अधिकारी है ।

इस अवसर पर नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड के उप मुख्य कार्यकारी चंद्रशेखर सनवाल ने एन एम् पी बी के योगदान को इंगित करते हुए बताया की किस प्रकार से उनका संस्थान अच्छी गुणवत्ता के औषधियों के निर्माण में अपनी भूमिका अदा कर रहा है और ये वन विभाग के प्रयासों के बिना असंभव है।साथ ही उन्होंने अपने एक महत्वपुर्ण प्रकाशन कॉमिक प्रो आयुष्मान का भी जिक्र किया जिसका विमोचन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया था ये बच्चो में काफी लोकप्रिय हुआ इसमें बताया गयाथाकि कैसे छोटी बड़ी स्वस्थ्य सम्बन्धी परेशानियों को चुटकियो में हल किया जा सकता है।
इस अवसर पर भारतीय वन सेवा के अधिकारियो को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान परिसर का भी भ्रमण करवाया गया।

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