अगरतला। त्रिपुरा विधानसभा में अश्लील वीडियो देखने को लेकर विवादों में घिरे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक जगबलाल नाथ को सदन से निष्कासित करने को लेकर विपक्षी पार्टियां सत्तारूढ़ दल पर दवाब बना रही हैं।
नाथ का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था, जिसमें वह विस में मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखते हुए दिखाई दे रहे हैं। आरोपी विधायक ने हालांकि दावा किया है कि वीडियो अचानक गलती से दिखाई दिया जब वह कुछ और देख रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मोबाइल फ्रेंडली नहीं हूं और मुझे नहीं पता कि यह वीडियो अचानक कैसे खुल गया। मैंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य से बात की और उन्होंने मुझे पार्टी के फैसले का इंतजार करने को कहा।
विधानसभा का फैसला हालांकि अभी तक नहीं आया है, लेकिन विधानसभा सचिव बी पी करमाकर ने कहा कि विधानसभा के सदस्यों के बारे में निर्णय लेने का एकमात्र अधिकार अध्यक्ष के पास है और किसी भी विधायक को संबंधित मामले पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष विश्वबंधु सेन ने इस मुद्दे पर संपर्क नहीं किया है। इस बीच राज्य के प्रमुख विपक्षी दल टीपरा मोथा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस की मांग के साथ खड़ा हुआ है।
पार्टी का कहना है कि सदन के पवित्रता, कानूनों की गरिमा और अखंडता को बनाए रखने के लिए श्री नाथ को तुरंत विधानसभा से हटा देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि 2012 में कर्नाटक में एक भाजपा विधायक को पोर्न फिल्में देखते हुए पकड़ा गया और उनसे इस्तीफा ले लिया गया था।
विपक्ष के नेता अनिमेष देबबर्मा ने मांग की कि जिस कुर्सी पर विधायक नाथ बैठे थे, उसे गंगा नदी के पवित्र जल से धोकर पवित्र किया जाना चाहिए और फिर उसके स्थान पर बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विस अध्यक्ष और भाजपा दोनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि श्री नाथ अब विधानसभा में न बैठें।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह अपने निजी स्थान पर अश्लील वीडियो देखना चाहते हैं, तो हमें कोई समस्या नहीं है, लेकिन यह ऐसी चीज देखने की जगह नहीं है, वह भी विधानसभा सत्र के दौरान। उनके कृत्य ने न केवल मुख्यमंत्री डॉ माणिक साहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल किया बल्कि विधायकों को भी बदनाम किया है।
आरोपी विधायक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमने विस अध्यक्ष से नाथ के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की। मैं अध्यक्ष से इस मामले की जांच कराने के लिए कहना चाहता हूं और उन्हें (श्री नाथ) कम से कम छह साल के लिए विधानसभा सत्र में भाग लेने से रोक दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुदीप रॉयबर्मन ने कहा, ‘‘सत्र के दौरान अगर श्री नाथ को विधानसभा में पोर्न फिल्म देखने के लिए दंडित नहीं किया जाएगा, तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा और भविष्य में सार्वजनिक रूप से इस तरह के कृत्य के लिए फिर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।