सीएम धामी ने दिया सुझाव, कहा- चारधाम यात्रा में स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता खत्म हो 

देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगामी चार धाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता को खत्म करने का सुझाव दिया है। मुख्यमंत्री ने यहां सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिये।

उन्होंने कहा कि देवभूमि आने वाले सभी श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में दर्शन करवाये जायेंगे। जिन श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा के लिए होटलों एवं होमस्टे में बुकिंग करा ली है, उनकी दर्शन के लिए भी व्यवस्था की जाए।

धामी ने कहा कि व्यवस्थित, सुगम एवं सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए सभी तैयारियां समय पर पूर्ण कर ली जाय। देवभूमि उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालु चारधाम यात्रा के साथ राज्य के अन्य प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों पर भी जाएं, इसके लिए राज्य के प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के बारे में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए।

उन्होंने कहा कि इसके लिए पर्यटन, पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जाए। श्री धामी ने कहा कि वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपने यात्रा व्यय का पांच प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि राज्य में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कुछ उत्पादों को व्यापक स्तर पर प्रमोट किया जाए। जीएमवीएन में भी स्थानीय उत्पादों को रखा जाए। राज्य के स्थानीय उत्पादों की जानकारी आमजन तक पहुचांई जाय। चारधाम यात्रा मार्गों पर क्रैश बैरियर की समुचित व्यवस्था की जाए।

यात्रा मार्गों पर पार्किंग स्थलों पर वाहन चालकों की रहने एवं सोने की समुचित व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा के लिए पुलिस द्वारा भीड़ प्रबंधन के लिए समुचित व्यवस्था की जाए।

श्रद्धालुओं से जो भी आवश्यक जानकारी लेनी है, केवल एक बार राज्य के एन्ट्री प्वाइंट पर ली जाय। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि देवभूमि उत्तराखण्ड आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। चारधाम यात्रा के लिए जिन-जिन विभागों से कार्मिकों की ड्यूटी लगती है, उन विभागों से जो कार्मिक स्वेच्छा से चारधाम ड्यूटी पर जाना चाहते हैं, उन्हें पहले प्राथमिकता दी जाए।

धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा पर जो भी स्वास्थ्य शिविर लगाये जा रहे हैं, उन्हें व्यवस्थित तरीके से लगाया जाए। चारधाम यात्रा के लिए यात्रा मित्र के तौर पर कुछ स्थानीय लोगों को रखा जाए।

यात्रा मार्गों पर पार्किंग स्थलों में वाहन चालकों के रहने एवं सोने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जाए, इसके लिए अन्य राज्यों से भी समन्वय किया जाए।

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