अमर श्रीकांत
देहरादून।उत्तराखंड कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में आपसी तकरार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अलग-अलग धड़ों में बंटी कांग्रेस में इन दिनों जबरदस्त अंतर्कलह उभरकर सामने आ रहा है जिसे रोकना सहज नहीं है। सात-आठ माह पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस का हर गुट सजग हुआ और आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट हुआ, लेकिन फिर दो-तीन महीनों से कांग्रेस के अंदर सिर फुटौव्वल जारी है जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में घोर निराशा है। कांग्रेस के दिग्गजों में आपसी तकरार कम ही नहीं हो पा रही।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह के बीच अब जंग तेज हो गई है। सुर्खियों में बने रहने के लिए हरीश रावत रोजाना ही कुछ न कुछ करते रहते हैं जिससे दूसरा गुट बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। हरीश रावत कभी माल्टा के समर्थन मूल्य और नंदप्रयाग- घाट मार्ग चैड़ीकरण के समर्थन में मौन रखते हैं तो कभी लोक कलाकारों की समस्याओं को उत्तराखंड सरकार तक पहुंचाने के लिए उपवास कर लेते हैं जिससे मीडिया में उनका कद बढ़ जाता है। लेकिन, यह बात कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं को रास नहीं आ रही है। पिछले दिनों पूर्व विधायक रणजीत रावत की शिकायत लेकर हरीश रावत गुट के कार्यकर्ताओं ने प्रीतम सिंह से मुलाकात की तो प्रीतम सिंह बिफर गए और कार्यकर्ताओं को फटकारना शुरू कर दिया। दरअसल, ये कार्यकर्ता हरीश रावत के समर्थन में प्रीतम सिंह से मिलने गये थे।पूर्व विधायक रणजीत रावत ने हरीश रावत के खिलाफ काफी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिससे हरीश रावत के समर्थक नाराज हो गए। हरीश रावत गुट के कार्यकर्ताओं की मांग यह है कि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को रणजीत रावत के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए। जानकारी के मुताबिक, रणजीत रावत के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को प्रीतम सिंह ने यह कहकर वापस भेज दिया कि उनके खिलाफ भी कांग्रेस का कोई न कोई गुट आपत्तिजनक कमेंट करता रहता है। इससे उनकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता। असल में प्रीतम सिंह को लग रहा है कि खास रणनीति के तहत हरीश रावत पूरे उत्तराखंड में काम कर रहे हैं जिससे उनकी अहमियत कम हो रही है। और हरीश रावत गुट जबरन हावी होने की कोशिश कर रहा है जो भविष्य के लिए ठीक नहीं है।
वैसे भी कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के मुकाबले हरीश रावत की पकड़ उत्तराखंड की जनता पर काफी ज्यादा है। हरीश रावत बढ़ती उम्र में भी न केवल प्रीतम सिंह, बल्कि कांग्रेस के अन्य नेता इंदिरा हृदयेश वगैरह से काफी ज्यादा सक्रिय होने के साथ ही उत्तराखंड की राजनीति में काफी मुखर हैं। हरीश रावत त्रिवेंद्र सरकार की नीतियों को लेकर भी समय-समय पर सवाल खड़े करते हैं। अभी उन्होंने सरकार की आबकारी नीति पर भी सवाल दागे हैं। राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि उत्तराखंड में हरीश रावत की सक्रियता ही कांग्रेस के लिए संजीवनी है। इसलिए कांग्रेस का एक बड़ा तपका वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में हरीश रावत को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट करने की मांग कर रहा है। जिसका विरोध प्रीतम सिंह और इंदिरा हृदयेश सहित कांग्रेस के कुछ नेता कर रहे हैं। बहरहाल, कांग्रेस को अब चैकस रहने की जरूरत है। वरना आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को काफी तगड़ा झटका लग सकता है। असल में कांग्रेस के साथ एक बड़ी दिक्कत यह है कि कांग्रेस आलाकमान भी इन दिनों काफी सुस्त है। जिसका असर उत्तराखंड कांग्रेस की राजनीति पर पड़ रहा है। राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि उत्तराखंड में कांग्रेस का अपना आधार है। कांग्रेस का अपना वोट बैंक है। लेकिन प्रदेश स्तर के नेताओं में तेजी के साथ बढ़ रही गुटबाजी से कांग्रेस कार्यकर्ता भी निराश हैं। इसे लेकर कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा है, ताकि कांग्रेस में व्याप्त अंतर्कलह खत्म हो सके। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आलाकमान को तुरंत इन नेताओं की नकेल कसने की बात कही है। अब देखना यह है कि कांग्रेस आलाकमान किस तरह की रणनीति अपनाता है ताकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एक छत के नीचे आकर भाजपा के खिलाफ विधानसभा चुनाव में पार्टी हित में कार्य करें। दिग्गजों में एकजुटता दिखेगी, तभी कार्यकर्ताओं में जोश भी देखने को मिलेगा और आगमी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए चुनाव की राह भी आसान हो जाएगी।
आपस में टकराव नहीं है। सभी कांग्रेस को सशक्त करने के मकसद से ही कार्य कर रहे हैं। समस्याएं हैं तो मिल बैठकर सुलझा लेंगे।
-प्रीतम सिंह, अध्यक्ष, उत्तराखंड कांग्रेस
प्रीतम सिंह कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। उनसे मेरी कोई व्यक्तिगत नाराजगी न पहले कभी थी और न आज है। हम प्रीतम सिंह का सम्मान करते हैं। कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रहा हूं।
हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखंड